CG: जंगल के रास्ते ‘नशे की खेप’ ला रहा था भुनेश्वर – गरियाबंद पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा, 09 लीटर महुआ शराब बरामद
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। जिले में नशे के खिलाफ पुलिस की सक्रियता लगातार रंग ला रही है। ताजा मामला थाना सिटी कोतवाली गरियाबंद क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ पुलिस ने घेराबंदी कर एक युवक को जंगल के रास्ते 09 लीटर कच्ची महुआ शराब के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी का नाम भुनेश्वर विश्वकर्मा पिता शंकरलाल विश्वकर्मा (36 वर्ष) निवासी ग्राम कांटीदादर थाना सिटीकोतवाली गरियाबंद बताया गया है।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बनाई रणनीति
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार जिले के सभी थाना प्रभारियों को अवैध शराब, गांजा और वन्यजीव तस्करी पर सख्त कार्यवाही के आदेश जारी किए गए हैं। इसी के तहत थाना सिटीकोतवाली गरियाबंद पुलिस अपने क्षेत्र में नियमित पेट्रोलिंग और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किए हुए थी। गुरुवार सुबह पुलिस को इनपुट मिला कि ग्राम कांटीदादर की ओर से जंगल के रास्ते एक व्यक्ति प्लास्टिक के जरीकेन में कच्ची महुआ शराब लेकर बिक्री हेतु शहर की ओर आ रहा है।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ने तुरंत टीम रवाना की। पुलिस पार्टी ने बताए गए स्थान पर पहुंचकर जंगल के रास्ते में घेराबंदी की। थोड़ी देर में एक व्यक्ति प्लास्टिक के जरीकेन के साथ आता दिखा, जिसे रोककर पूछताछ की गई। व्यक्ति ने अपना नाम भुनेश्वर विश्वकर्मा बताया। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 09 लीटर कच्ची महुआ शराब बरामद की गई, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 900 रुपए आंकी गई।
नियमित बढ़ रही है कच्ची महुआ शराब की तस्करी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कच्ची महुआ शराब की तस्करी गांवों और शहरों में छोटे-छोटे रास्तों से की जाती है। पकड़े गए आरोपी भी जंगल के रास्ते से होकर शहर में घुसने का प्रयास कर रहे थे ताकि मुख्य मार्ग पर चेकिंग से बच सकें। लेकिन मुखबिर तंत्र की सक्रियता और पुलिस की तत्परता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया और धारा 34(2) छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
कच्ची महुआ शराब – गरीबों का नशा, अपराधियों का धंधा
विशेषज्ञ बताते हैं कि कच्ची महुआ शराब ग्रामीण इलाकों में बेहद सस्ती पड़ती है और गरीब तबका आसानी से इसका सेवन कर लेता है। लेकिन यही सस्ता नशा कई परिवारों के लिए बर्बादी का कारण भी बन रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बिना फिल्टर और बिना वैज्ञानिक प्रक्रिया के बनाई गई यह शराब शरीर के लिए अत्यंत घातक है, जिससे लिवर डैमेज, लकवा, मानसिक असंतुलन जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बावजूद इसके, मुनाफे के लालच में तस्कर कच्ची शराब का धंधा तेजी से फैलाते जा रहे हैं।
पुलिस की सख्ती से तस्करों में खौफ
गरियाबंद पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही से तस्करों में हड़कंप मच गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि जिले में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नियमित पेट्रोलिंग, संदिग्धों की चेकिंग और मुखबिर तंत्र की सक्रियता बनाए रखें ताकि जिले में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं भी अवैध शराब, गांजा या वन्य जीव तस्करी जैसी गतिविधियों की सूचना मिले तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
पुलिस टीम को मिली सराहना
इस कार्यवाही में थाना सिटी कोतवाली गरियाबंद पुलिस टीम की विशेष भूमिका रही। वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम को सराहना देते हुए कहा कि इसी तरह ईमानदारी और निष्ठा से काम करते रहें ताकि समाज में पुलिस की छवि एक मजबूत प्रहरी के रूप में बनी रहे।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि आगामी दिनों में भी अवैध नशा कारोबारियों के खिलाफ ऐसे ही अभियान चलाए जाएंगे। प्रशासन का लक्ष्य है कि गरियाबंद को नशा मुक्त जिला बनाया जाए और इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।