
अरविन्द तिवारी
नागौर(गंगा प्रकाश) – वर्तमान में लम्पी स्किन डिजीज महामारी से गोवंशों की भयंकर दुर्दशा है , देश में प्रतिदिन हजारों की संख्या में गोवंश इस महामारी से तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित गोवंश को अन्य गोशाला भर्ती नहीं कर रही है , लेकिन नागौर और जोधपुर के विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय के दरवाजे लम्पी से पीड़ित गोवंशों के लिये चौबीसों घण्टे खुले हैं।
उक्त बातें विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में कामधेनु सेना के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज ने लम्पी स्किन डिजीज से संबंधित कामधेनु सेना के विशेष बैठक को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में करीब 3000 रजिस्टर्ड गोशालाएयें है। उनमें से 90 प्रतिशत गोशालाओं के पास लाखों-करोड़ों रूपये का बजट बैंको में जमा पड़ा है। लेकिन ऐसी आपात स्थिति में भी गायों का पैसा गायों के लिये भी काम नहीं ले रहे है तो कब काम लेंगे ? यह एक बड़ा ही चिन्ता का विषय है। महामंडलेश्वर ने आगे कहा अगर प्रदेश की गहलोत सरकार यह घोषणा कर दे कि इस महामारी में जिन गोशालाओं के पास लाखों – करोड़ रूपये का बजट पड़ा है और वे ऐसी स्थिति में खर्च नहीं करेंगे तो उनका बजट बैंक रद्द करेगा तथा वो पैसा सरकार के के पास जमा होगा। तो मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि उन पैसों से लगभग तीन हजार गोशालाओं में लम्पी स्किन डिजीज के शिविर लग जायेंगे। लम्पी से पीड़ित एक भी गोवंश सड़कों पर भटकते हुये नजर नहीं आयेगा तथा गोवंश तड़पते हुये दम नहीं तोड़ेंगे।
गौरतलब है कि लम्पी स्किन डिजीज से संबंधित विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में कामधेनु सेना की विशेष मीटिंग आयोजित की गई , जिसमें राजस्थान सहित देश के अलग-अलग राज्यों से सैंकड़ों की संख्या में कामधेनु सैनिक उपस्थित हुये। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि वर्तमान में लम्पी स्किन डिजीज महामारी के समय लम्पी से जूझ रहे निराश्रित गोवंशों के लिये देश के जो कामधेनु सैनिक व गोभक्त अस्थाई शिविर लगाकर गोवंश का आवश्यक उपचार कर निःस्वार्थ भाव से गोसेवा कर रहे है। देश के ऐसे ग्यारह हजार कामधेनु सैनिकों को कामधेनु सेना के राष्ट्रीय कार्यालय से ‘लम्पी योद्धा’ की उपाधि देकर सम्मानित किया जायेगा।वहीं एलएसडी मीटिंग के दौरान मध्यप्रदेश प्रदेशाध्यक्ष रविदास वैष्णव सहित देश के अलग-अलग राज्यों से आये सैंकड़ों कामधेनु सैनिकों को साफा , माला पहनाकर व लम्पी योद्धा सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।