
खैरागढ़ (गंगा प्रकाश)। देश की राजधानी दिल्ली के भारतीय पुर्नवास केंद्र हेबिटाट सेंटर के ओपन पॉम आर्ट गैलरी में विगत दिनों आयोजित कला प्रदर्शनी में भण्डारपुर-खैरागढ़ के समकालीन मूर्तिकार किशोर शर्मा की काँस्य मुर्तिकला का प्रदर्शन हुआ है जिसे देश के अनेक प्रांतो और विदेश से आये कलाकारों ने खूब सराहा. जानकारी अनुसार दिल्ली में आयोजित इस प्रदर्शनी में भारत के अनेक राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया था जिन्होंने अपने मूर्त और अमूर्त कलाओ को वहां प्रदर्शित किया. इस प्रदर्शनी में प्रतिनिधित्व कर रहे नामचीन मूर्तिकार किशोर शर्मा ने अपने प्रदर्शित कृतियों के बारे में बताया कि मैं गांव की मिट्टी में पला बढ़ा होने से गांवों का पहनावा उनके रहन-सहन और ग्रामीण बच्चों के बचपने में खेले जाने वाले खेलो जैसे- कंचा , गेड़ी,पतंग, रहचूली,फीलफिलि, भंवरा , पितंगी व बुलबुला उड़ाते हुए बच्चों व आदिवासियों के गहना सहित यहां की कला और संस्कृति को समकालीन मॉडर्न आर्ट के सौंदर्यबोध को रेखांकित करता हूँ. उन्होंने कहा मेरी प्रदर्शित कृतियों में गेड़ी नृत्य आकर्षक रही जिसे विदेशों से आये मेहमान जॉन और सूरी ने खूब सराहा और कहा कि समयाभाव के कारण हम लोग छत्तीसगढ़ नही जा पाये लेकिन किशोर की कृतियों से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की संस्कृति को हमने बखूबी जाना वही चंडीगढ़ से आये प्रसिद्ध फोटोग्राफर गुरुदीप धीमान ने रहचूली शीर्षक से बने कांस्य कला को छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की अमिट छाप कहा. इस दौरान हरियाणा से आये ख्यातिलब्ध कलाकार व बिंदास आर्टिस्ट ग्रुप के डारेक्टर राकेश चौधरी ने कहा कि पितंगी टाइटल से बनी कृति को लय,ताल और सौंदर्य बोध को समाहित कर सम्पूर्ण भाव को कठोर माध्यम में उकेरने में किशोर सफल रहा. गौरतलब है कि किशोर की कला प्रदर्शनी देश के अनेक राज्यों सहित विदेशों में भी प्रदर्शित हो चुकी है साथ ही साथ अनेक पुरस्कार और अनेक संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम व मंच पर वो सम्मानित हो चुके है वही वे अपने स्टूडियो में पत्थर, फाइबर, लकड़ी, टेराकोटा , सीमेंट,स्क्रैप मेटल और काँस्य में छत्तीसगढ़ की संस्कृति,नृत्य और खेल को अपने कृतियों में ढालते रहे है. खास बात ये है कि किशोर शर्मा स्क्रेप मेटल में कर्मा , सुआ, गेड़ी और पंथी नृत्य को खूबसूरती के साथ गढ़ते है जो उन्हें मूर्तिकला के क्षेत्र में अलग मुकाम प्रदान करता है..