सीतापुर: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर आ गए हैं। उन्हें बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में 7 साल की सजा के बाद 18 अक्टूबर 2023 से जेल में बंद किया गया था। इससे पहले भी वे कई मामलों में करीब सवा साल तक जेल में रह चुके हैं।
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जेल के बाहर समर्थकों की भीड़
आजम खान की रिहाई की खबर मिलते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में सीतापुर जेल के बाहर पहुंच गए। सुबह 7 बजे रिहाई का समय तय किया गया था, लेकिन बेल बांड में पते की गड़बड़ी के कारण रिहाई में देरी हुई। दोपहर करीब 12.15 बजे आजम खान जेल से बाहर आए, जहां उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम पहले से मौजूद थे।
73 गाड़ियों का चालान
आजम खान के स्वागत के लिए पहुंचे समर्थकों के काफिले में करीब 73 गाड़ियों का चालान कटा गया। ये चालान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण किए गए। पुलिस ने जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही थी।
सीधे रामपुर के लिए रवाना
जेल से बाहर आने के बाद आजम खान सीधे अपनी गाड़ी में बैठे और रामपुर के लिए रवाना हो गए। उनके साथ उनके बेटे और कुछ अन्य समर्थक भी थे। आजम खान ने जेल से बाहर आकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया और कहा कि वे उन सभी लोगों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने उनके लिए दुआ की।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
आजम खान की रिहाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे न्याय की जीत बताया है और कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो आजम खान पर लगे सभी “झूठे मुकदमे” वापस लिए जाएंगे।
आजम खान पर कुल 93 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से 72 में उन्हें जमानत मिल चुकी है। उनकी रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट आने की उम्मीद है।