ग्राम पंचायत कोसमंदा में मरने पर हो रहे मवेशी मजबूर

ग्राम पंचायत कोसमंदा के द्वारा की गई बेखौफ लापरवाही

सुबह से मवेशी तड़प रहा था शाम 4:30 बजने तक किसी ने नहीं दिया ध्यान

भाटापारा (गंगा प्रकाश)। बलौदा बाजार भाटापारा जिले के भाटापारा विकासखंड के क्षेत्र में आने वाला ग्राम पंचायत कोसमंडा जहां पर कांजीहाउस में ग्राम पंचायत के द्वारा रखा हुआ लगभग 30 से 32 वर्ष है जहां पर मवेशी की हालत और स्थिति को देखकर जायजा लगा सकता है कि वहां पर क्या हो रहा है और कैसी देखरेख हो रही है जब मवेशियों और रखरखाव की जांच पड़ताल हेतु मीडिया की टीम वहां पहुंची तब सुबह 9:00 बजे मवेशी की हालत नाजुक थी और शाम 4:30 बजे के आसपास में मवेशी का सिर्फ सांस चल रहा था और मोक्ष प्राप्त हेतु शयन अवस्था में पड़ा हुआ था सभी बातों की जानकारी लेने के लिए ग्राम पंचायत के मुखिया देवचरण ध्रुव से बात की गई जिस पर उन्होंने कहा कि हम क्या करें लावारिस मवेशी है और हम यहां उसे रखे हैं यहां पर चारा पानी की व्यवस्था की जा रही है 6 से 7 लोग यहां देखरेख में लगे हुए हैं चारा पानी की व्यवस्था की जा रही है लेकिन अगर मवेशी बूढा अवस्था में हैं और मरने की ही कगार पर है तो हम क्या करें उपरोक्त बातें देवचरण ध्रुव सरपंच कोसमंदा ने कई ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि हम रोजाना देखरेख करते हैं मगर जब इस विषय पर पूछा गया कि मवेशी मरने की कगार पर है और आप लोगों ने कोई चिकित्सा सुविधा नहीं किया तो इस पर ग्रामीणों ने कहा कि हां मरने की कगार पर तो है और हमने चिकित्सक को नहीं बुलाया और ना ही किसी को सूचना दिया इन सभी बातों की क्या जायजा के विषय में कहे लगता है राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही नरूवा गरूवा घुरवा बारी की महत्वकांक्षी योजना फिसड्डी साबित हो रही है 1 दिन पूर्व ही सिमगा विकासखंड के ग्राम पंचायत की बातों को लेकर गौठान की स्थिति को लेकर मवेशी की जायजा को लेकर दैनिक गंगा प्रकाश अखबार ने अपने विशेष अंक में प्रकाशित भी किया था और वहां भी स्थान पर दो मवेशी मरने की कगार पर थे मगर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई और आज कोसमंदा ग्राम पंचायत में भी इसी तरह का आलम दिखाई दिया और अब ग्राम पंचायत के पदाधिकारी के साथ-साथ ग्रामीण भी कह रहे हैं कि मवेशी बुढा है वह मरने की कगार पर है मगर इलाज की व्यवस्था नहीं की गई सिर्फ और सिर्फ चारा पानी की व्यवस्था की जा रही है मगर देखरेख और सुविधा उपचार नहीं लगता है पूरी खबर पढ़ने के बाद भी अधिकारी मौन रहते हैं क्योंकि ग्राम पंचायत नेवारी के बाद ग्राम पंचायत कोसमंदा दोनों अलग-अलग विकासखंड से है इन सभी बात की जानकारी जिला सीईओ के द्वारा निर्देशित तौर पर दी जाती है कि कोई भी मवेशी रोड पर ना रहे बाहर घूमते नजर ना आए नहीं तो सचिव के ऊपर कार्यवाही होगी  मगर मवेशी आज रोड पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं और मवेशी गौठान के अंदर रखने के बावजूद भी सुरक्षित नहीं, कांजीहाउस में अंदर रखने के बावजूद भी सही उपचार नहीं तो क्या मवेशी सिर्फ चारा पानी पर ही आश्रित या आधारित है क्या इसके लिए जिला सीईओ कुछ निर्देशित या प्रशिक्षण में गौठानों के विषय में मवेशी के विषय में या नोडल प्रभारी क्या ध्यान देने में उचित व्यवस्था या सही जानकारी ग्राम पंचायतों के मुखिया सचिव या पदाधिकारियों को नहीं देते क्या कुछ विषय है खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में प्रकाशित की जाएगी।

मवेशी मरने की स्थिति में है और हमने उपचार नहीं कराया और हम क्या कर सकते हैं वह लावारिस मवेशी है

        देवचरण ध्रुव

सरपंच ग्राम पंचायत कोसमंदा

हम दिन में दो से तीन बार चारा पानी की व्यवस्था करते हैं और निगरानी करते रहते हैं

 ग्रामीण

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *