
शासकीय हो या प्राइवेट चोरी का सामान आखिर खरीदता कौन है जांच का विषय..
पखांजुर (गंगा प्रकाश)। परलकोट में कई कबाड़ दुकानदारों की चांदी कट रही है,उनकी कबाड़ दुकानों की न जांच हो रही है और कोई सख्ती। इसका नतीजा है कि कबाड़ दुकानों पर लोहा-टीना, पेपर, प्लास्टिक के अलावा दुकानदार वाहन व उपकरण तक की खरीदारी कर रहे हैं। इसमें दो पहिया ही नहीं बल्कि चार पहिया वाहन भी खरीद कर काटे जा रहे हैं। अब ये वाहन चोरी के हैं या फिर कोई स्वेच्छा से बेच रहा है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इससे कबाड़ दुकानदार भी मालामाल हो रहे हैं।
अक्सर देखा जाता है कि कबाड़ दुकानों पर हर दूसरे दिन एक ट्रक पर सामान लोड होकर बाहर जाता है। सभी कबाड़ दुकानों पर प्रतिदिन फेरी कर कबाड़ का सामान खरीदने वाले रहते हैं और वार्डों में घूम घूम कर खरीदे गए सामान को बेचते हैं। लोगों से कम दाम पर खरीद कर कबाड़ दुकान पर अधिक दाम पर बेचते हैं। इससे उन्हें भी अच्छा मुनाफ होता है। लेकिन सबसे गंभीर प्रश्न यह है कि अधिसंख्य कबाड़ दुकानों का लाइसेंस नहीं है। इनकी जांच प्रशासन द्वारा कराई नहीं जा रही, फिर इन कबाड़ दुकानों में कैसा सामान खरीदा जा रहा है इसके बारे में जानकारी कैसे होगी।
किसी जगह बन रहे मकान में छड़ रखने पर अक्सर चोरी होने का मामला प्रकाश में आता है। जिसे लोग कबाड़ दुकानों पर ही बेचने की शंका करते हैं। लेकिन इसके बारे में पता लगाने पर भी लोग कुछ नहीं कर पाते,जांच नहीं होने से इस बात का भी अब तक खुलासा नहीं हुआ है कि कबाड़ दुकानों पर चोरी का सामान भी खरीदा जाता है।
अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस प्रशासन के द्वारा इन दुकानों पर कब जांच होती है और जांच में क्या कुछ खुलासा होता है ए देखने वाली बात होगी