Non-standard medicines रायपुर, 3 नवंबर 2025 – छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाइयों की सप्लाई के मामले ने चिंता बढ़ा दी है। इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बयान देते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के सिस्टम में जंग लग गई थी, जिसे अब पूरी तरह ठीक किया जा रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री का स्पष्ट बयान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी भी जांच या कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक रूप से जनता के सामने रखी जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी दवाइयां अमानक पाई जाएंगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
CGMSC का नया आदेश
हाल ही में CGMSC ने दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। रायपुर स्थित ड्रग वेयरहाउस ने सभी प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिया है कि “ऑफ्लॉक्सासिन ऑर्निडाजोल टैबलेट (Ofloxacin Ornidazole Tab)” के एक विशेष बैच का उपयोग तुरंत रोक दिया जाए।
अमानक दवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कोई भी गलती या लापरवाही पाई गई तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच और जवाबदेही पर जोर
स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब CGMSC के माध्यम से सप्लाई की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। मंत्री ने अपने बयानों से यह संदेश देने की कोशिश की है कि वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए पूर्व की खामियों को दूर किया जा रहा है।सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाओं की आपूर्ति न केवल इलाज की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि मरीजों के जीवन को भी खतरे में डालती है।



