
सड़क या फिर बीच जंगल में हो रही खराब
भागवत दीवान
कोरबा (गंगा प्रकाश)। जिले में 102 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस खटारा और पुरानी हो चुकी है। इसी से गर्भवती महिला और शिशुओं को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। कई बार गाडिय़ां अस्पताल पहुंचने से पहले ही सड़क या फिर बीच जंगल में खराब हो रही है।
गाड़ी को सुधार करते और दूसरे एंबुलेंस आने तक मरीज को इंतजार करना पड़ रहा है। इससे गर्भवती महिला और परिजनों की परेशानी बढ़ रही है।नेशनल हेल्थ मिशन अंतर्गत जिले में गर्भवती महिलाओं और एक साल तक के बीमार शिशुओं को समय पर बेहतर इलाज के लिए 102 महतारी एक्सपे्रस एंबुलेंस की 13 गाडिय़ां मिली थी। इसके लिए एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लगभग आठ साल से सुविधाएं संचालित हैं, लेकिन इन आठ साल के भीतर संचालक एजेंसी ने एंबुलेंस की न तो समय पर सर्विंस कराया और न खराब सामानों की बदली कराई गई। केवल मरम्मत तक ही सीमित रही। इस कारण धीरे-धीरे अब अधिकांश एंबुलेंस की गाडिय़ां खटारा हो चुकी हैं।कई बार गाडिय़ां मरीज को अस्पताल ले जाते समय बीच सड़क पर खराब हो रही है। बावजूद इसके एजेंसी के द्वारा पुरानी एंबुलेंस को हटाकर नए गाडिय़ा नहीं लगाई जा रही है। गाडिय़ों को जो सामानों की बदली की जा रही है, इसमें भी खानापूर्ति की जा रही है। इस कारण गर्भवती महिलाओं व एक साल तक के शिशुओं को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल रही है।
दो एंबुलेंस हो गई कंडम
जिले में जब यह सुविधा शुरू हुई, तब 13 महतारी एक्सप्रेस थी, लेकिन समय पर सर्विसिंग नहीं होने की वजह से दो गाडिय़ां पूरी तरह से कंडम हो चुकी है। एजेंसी ने इन गाडिय़ों को सड़क से बाहर कर दिया है, लेकिन इसकी जगह नई एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी गई। यह दोनों ही एंबुलेंस वनांचल व ग्रामीण क्षेत्र वाली कटघोरा और पोड़ी विकासखंड की है। वर्तमान में दोनों ही ब्लॉक में महज एक-एक एंबुलेंस चल रही है। वह भी खटारा हो चुकी है।