सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे 60 बच्चों का भविष्य,ग्राम मुड़पार (ब) में शिक्षक के अभाव को लेकर बच्चो ने किया सड़क पर चक्का जाम।

3 कक्षाऐ के भरोसे एक शिक्षिका, बच्चों की पढ़ाई हुआ प्रभावित।

पंकज कुमार साहू

जांजगीर चाम्पा । जांजगीर चाम्पा जिले के पामगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत मुड़पार (ब) में मंगलवार को विद्यालय के बच्चो ने सड़क पर उतरकर लाचार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने बच्चों के द्वारा सड़क पर उतरकर चक्का जाम किया गया।जिसमें स्कूल के छोटे छोटे बच्चों ने शिक्षक के अभाव को लेकर सड़क पर उतर आए और उन्होंने नारा लगाते हुए कहा कि हमारी मांगे पूरी करो,शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाओ,शिक्षक की नियुक्ति करो छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर चिलचिलाती धूप में बीते 2 घंटे से भी ज्यादा समय अपनी मांगों को लेकर सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते रहे,लेकिन 2 घंटे के धरना प्रदर्शन के बावजूद भी ब्लॉक के कोई भी आला अफसर मौके पर नही पहुचे। माध्यमिक स्कूल में शिक्षक की कमी को लेकर बच्चों के द्वारा कुछ दिन पहले सरपंचों की उपस्थिति पालको की उपस्थिति में बैठक भी लिया गया था। जिसमें शिक्षक नियुक्ति की बातें किया गया था,वहीं सोमवार तक शिक्षक की बकायदा नियुक्ति हो जाने की बात कहा गया था।लेकिन सोमवार बीत जाने के बावजूद भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने पर नाराज छात्रों ने सड़कों पर जाकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। 2 घंटे की धरना प्रदर्शन के बाद ठोस आश्वासन के बाद बच्चों ने धरना प्रदर्शन बंद किया वापस स्कूल चले गए।

क्या कहते हैं?आंदोलनकारी विद्यार्थी.

विद्यार्थियों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि स्कूल में शिक्षक की अभाव के चलते उनके द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था। बच्चों का कहना है कि कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक के क्लास लगते हैं वही यह क्लास केवल और केवल एक शिक्षिका के बदौलत ही चल रहा है जिससे पढ़ाई पूरी तरह से चरमरा चुका है पढ़ाई ना कि बरोबर हो रहे हैं। स्कूल में शिक्षक की अभाव के चलते पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुआ,और बच्चों के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई पढ़ाई नहीं होने की बात कहते हुए गहरी नाराजगी जताते हुए शिक्षक की मांग की गई।आगे बच्चों ने बताया कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुड़पार (ब) में पूरे स्कूल को संभालने के लिए केवल 2 ही कर्मचारी मौजूद हैं, एक प्राचार्य व दूसरा शिक्षिका हैं।जो प्राचार्य हैं उनके द्वारा दिन भर विभागीय काम काज के चलते बाहर रहते हैं। वही दूसरा शिक्षिका कुछ दिनों से छूट्टी पर है,जिनके कारण बीते कई दिनो से पढाई नही हुआ। वही बच्चों ने कहा की मिलने वाले मध्यान भोजन की उन्होंने घोर निंदा करते हुए कहा कि घटिया तरीके से खाना दिए जाते हैं। जिससे ना चाह कर भी कई बच्चों को मजबूरन स्कूल में भोजन न कर उन्हें घर भोजन करने के लिए जाना पड़ता है।

मौके पर पहुंची जिला शिक्षा अधिकारी।

स्कूल छात्रों के द्वारा धरना प्रदर्शन की सूचना मिलने के उपरांत ही कुछ घंटों के पश्चात शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने बच्चों से चर्चा कर उनकी मांग अनुसार तत्काल वहां एक शिक्षक की नियुक्ति किया गया। वही बच्चों के द्वारा मध्यान भोजन में सुधार कराने की बात कहा गया और उन्हें गुणवत्ता व पौष्टिक युक्त खाना देने की बात भी उन्होंने रखी।

बच्चों का आंदोलन सही या गलत…

आम तौर पर देखा जाए तो जांजगीर-चांपा जिले के प्रायः कई ऐसे स्कूल भी हैं जहां पर शिक्षकों की अभाव के चलते पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। जिनके वजह से बच्चो का पढ़ाई में रुझान कम बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिस तरह से बच्चों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर उनके द्वारा सड़क पर धरना प्रदर्शन किया गया यह जायज है क्योंकि वह अपना अधिकार मांगते हैं और अपने अधिकार की लड़ाई के लिए उनकी मांगें पूर्ण नहीं हुआ तब वे अपनी मांग को सरकार से पूर्ण कराने के लिए नौनिहालों के द्वारा सड़क पर उतरने पर मजबूर हुए यदि उनके द्वारा सड़क पर इस तरह से आंदोलन नहीं किया जाता तो वाकई में गड़बड़ सिस्टम का सुधार तो भगवान भरोसे ही था बच्चों के द्वारा धरना प्रदर्शन करने के उपरांत ही वहां की विषय वस्तु वहां की स्थिति वहां की पढ़ाई में वहां की भोजन व्यवस्था में पूर्ण रूप से सुधार होने की पूरी उम्मीद है।

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