बद्रीनाथ से लाई अखंड ज्योति अनवरत जलती दुर्गा दरबार हथनी कला में

सदाराम कश्यप

मुंगेली (गंगा प्रकाश)। क्षेत्र  के प्रसिद्ध अष्टभुजी मां दुर्गा मंदिर हथनीकला में आज मंगलवार को आदि शक्ति जगतजननी मां की शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की गई अभिजीत मुहर्त में ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित की गई   इस  मंदिर विकास समिति के सचिव ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि इस शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालुओं के द्वारा 1411 मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित  कराये गए है जिसमे तैल ज्योति 1200 तथा घृत 211 ज्योति कलश है। पूरे मंदिर परिसर को बहुत ही सुंदर मनोहारी ढंग से विद्युत के झालरों से सजाया गया है। यहाँ पर पूरे नवरात्र में माता जी का जसगीत का गायन वादन किया जाता है जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है भक्तो की मान्यता है कि यहाँ मां से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है।यहाँ विशेषकर दोनों नवरात्र पर्व पर भक्तो का तांता लगा रहता है। यंहा सन 2006 से बद्रीनाथ धाम से लाया गया अखंड ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित है जिसे भक्तो के द्वारा मां के ज्योति स्वरूप में पूजन  किया जाता है। लोगों का कहना है नवरात्रि के पावन पर्व पर बद्रीनाथ से लाए हुए ज्योति के दर्शन करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है दूर-दूर से श्रद्धालु आकर मां के इस अद्भुत ज्योति का दर्शन करने पहुंच रहे है यहाँ मंदिर परिसर के भगवान शंकर जी का मंदिर साई मंदिर साथ ही मंदिर परिसर का गार्डन भी को सुंदर सजावट की गई है ।

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