गरियाबंद/मैनपुर (गंगा प्रकाश)। एल्युमिनियम केबल चोरी का बड़ा पर्दाफाश — जिले की मैनपुर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। मुखबिर की सटीक सूचना पर पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एल्युमिनियम बिजली केबल वायर चोरी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से करीब 2,460 किलो एल्युमिनियम वायर, जिसकी अनुमानित कीमत ₹2,50,000/- बताई जा रही है, बरामद की गई है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई — एनएच 130C पर की गई घेराबंदी
थाना प्रभारी मैनपुर को आज सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि एक पीकअप वाहन (UK 16 CA 3798) में अवैध रूप से एल्युमिनियम केबल वायर लोड कर कहीं बाहर ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ने तुरंत एक विशेष पुलिस टीम गठित की और ग्राम गौरघाट तहसील कार्यालय के पास एनएच 130C पर घेराबंदी की।
थोड़ी ही देर में संदिग्ध वाहन वहां से गुजरता दिखाई दिया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वाहन को रोक लिया और जांच की तो पूरे वाहन में एल्युमिनियम केबल वायर लदा मिला।
कोई दस्तावेज़ नहीं दिखा पाए आरोपी
वाहन में सवार दोनों व्यक्तियों से जब एल्युमिनियम वायर से संबंधित वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई कागजात पेश नहीं कर सके। संदेह गहराने पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपियों ने अपनी पहचान बताई — (1) मो. सलमान कुरैशी, पिता मो. मुस्तगीम कुरैशी (उम्र 28 वर्ष), निवासी कुशालपुर, थाना सहसपुर, देहरादून (उत्तराखंड)।(2) शान मोहम्मद, पिता मोहम्मद शफी अंसारी (उम्र 35 वर्ष), निवासी नई बस्ती सुजावलपुर, थाना गंजडुण्डुवारा, तहसील पटियाली, जिला कासगंज (उत्तर प्रदेश)।

पुलिस ने की बड़ी बरामदगी
तौल कराने पर वायर का वजन 2460 किलोग्राम निकला, जिसकी कीमत लगभग ₹2.50 लाख आंकी गई है। साथ ही घटना में प्रयुक्त पीकअप वाहन (UK 16 CA 3798) को भी जब्त कर लिया गया है।
अपराध पंजीबद्ध कर भेजा गया न्यायालय
दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 35(1) बीएनएसएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रारंभिक जांच में यह भी संदेह जताया जा रहा है कि आरोपी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक क्षेत्रों और ट्रांसफार्मर स्थलों से वायर चोरी कर बेचने का काम करते हैं।
पुलिस की सतर्कता से बचा बड़ा नुकसान
थाना मैनपुर पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से चोरी के एल्युमिनियम वायर की अवैध बिक्री पर रोक लगी है। पुलिस अधीक्षक गरियाबंद द्वारा टीम को सराहना दी गई है और इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।




