गरियाबंद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं का गुस्सा फूटा, 13 अगस्त को छुरा में गरजेगा संघर्ष
“मांगें पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन” — छ.ग. जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका कल्याण संघ
गरियाबंद/छुरा (गंगा प्रकाश)। जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अब सरकार को खुली चेतावनी देने के मूड में हैं। सालों से लंबित मांगों पर सरकार और प्रशासन की चुप्पी ने इन महिलाओं के सब्र का बांध तोड़ दिया है। इसी के तहत 13 अगस्त को छुरा ब्लॉक मुख्यालय में एक दिवसीय ‘ध्यानाकर्षण धरना’ आयोजित किया जाएगा। यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका कल्याण संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर होगा। ब्लॉक के अनुभागीय अधिकारी को इसकी औपचारिक सूचना दे दी गई है।
संघ का कहना है कि सरकार बार-बार आश्वासन तो देती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं करती, जिससे हज़ारों कार्यकर्ता और सहायिकाएं नाराज़ और हताश हैं।

मुख्य मांगें — वेतन ही नहीं, सम्मान और सुविधा भी
1. शासकीय कर्मचारी का दर्जा — जब तक यह दर्जा नहीं मिलता, तब तक मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रतिवर्ष 10% मानदेय वृद्धि।
2. भर्ती और पदोन्नति सुधार —
- पर्यवेक्षक भर्ती तुरंत हो।
- आयु सीमा का बंधन हटे।
- 50% पदों पर पदोन्नति और सहायिकाओं को 100% प्रमोशन का अवसर।
3. पोषण ट्रैकर ऐप की समस्याओं का स्थायी समाधान —
- बार-बार वर्ज़न बदलने से काम प्रभावित।
- 5G मोबाइल न होने से नया वर्ज़न न चलना — सरकार 5G मोबाइल उपलब्ध कराए।
- नेट खर्च बढ़ाने की मांग।
- नए वर्ज़न का प्रशिक्षण दिया जाए।
- हितग्राहियों के आधार कार्ड अपलोड में दिक्कत और OTP न देने से भुगतान में अड़चन।
“तकनीकी गड़बड़ियों का खामियाजा हम क्यों भुगतें?” — संघ का सवाल
संघ की जिलाध्यक्ष रेखा साहू ने कहा — “सरकार नई योजनाओं का बोझ तो डाल रही है, लेकिन न उपकरण देती है, न प्रशिक्षण, न सुरक्षा। तकनीकी गड़बड़ियों के कारण हमारा रोज़ का काम प्रभावित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि पोषण ट्रैकर ऐप की खामियों पर कई बार लिखित और मौखिक शिकायत दी गई, मगर कोई समाधान नहीं निकला।
धरना — सरकार को अंतिम चेतावनी
संघ के पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि 13 अगस्त का यह धरना प्रशासन और सरकार के लिए अंतिम चेतावनी है। “अगर इस तारीख के बाद भी हमारी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को जिला और प्रदेश स्तर पर और व्यापक रूप से चलाया जाएगा।”
धरने में जिलाध्यक्ष रेखा साहू, जिला सचिव बिजलानी यादव, उपाध्यक्ष कुंती सिन्हा, मुख्य सदस्य प्रेमिन चंद्राकर, महेश्वरी ध्रुव, लीना ध्रुव, चित्ररेखा ध्रुव, स्वर्णलता, रामहिं बघेल, शशि नागेश, कौशिल्या सिन्हा, मीना सौरी, प्रभा देवी यादव, नासीम बानी, गीतांजलि, अहिल्या चन्द्राकर, गोदावरी, लक्ष्मी सिन्हा, नीलांबरी ध्रुव, गीता, आरती ध्रुव, वर्षा सिन्ना, गीता कारीगर, लालती ठाकुर सहित जिलेभर की सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहेंगी।
रिपोर्टर की टिप्पणी
गरियाबंद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सिर्फ बच्चों को पोषण और देखभाल देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याण योजनाओं की रीढ़ मानी जाती हैं। उनकी मांगें वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ काम करने की बुनियादी सुविधाओं, तकनीकी सहयोग और सम्मान से भी जुड़ी हैं।
13 अगस्त का यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक गंभीर संकेत है कि अब इनका धैर्य टूट रहा है और अगर अनदेखी जारी रही तो आंदोलन और तेज़ होगा।