असम सरकार ने शुक्रवार को नई जनसंख्या और महिला सशक्तिकरण नीति (संशोधन 2025) को मंजूरी दे दी है और इसे तुरंत लागू भी कर दिया है। इस नीति का सबसे बड़ा मकसद है कि: राज्य में परिवार छोटे हों, लोग दो बच्चों तक ही परिवार सीमित रखें, परिवार नियोजन को बढ़ावा मिले और शिक्षित लोग पंचायत व नगर निकायों में नेतृत्व करें। नीति में कई बड़े और सख्त नियम शामिल किए गए हैं। कुछ पिछड़े और जनजातीय समुदायों को तीन बच्चों की छूट देकर संतुलन बनाने की कोशिश भी की गई है।

अब इसे एक-एक करके आसान भाषा में समझते हैं:

1. सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों का नियम अनिवार्य

अब असम में सरकारी नौकरी पाने के लिए व्यक्ति के सिर्फ दो बच्चे होने चाहिए। यदि किसी ने तीसरा बच्चा किया, तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। जो लोग पहले से सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें भी आगे चलकर दो बच्चों का नियम मानना होगा। सरकार कहती है कि सरकारी कर्मचारी समाज के लिए उदाहरण होते हैं, इसलिए यह नियम उनके लिए भी जरूरी है।

2. कम उम्र में शादी करने वालों को सरकारी सुविधाओं पर रोक

यदि लड़का या लड़की कानूनी उम्र से पहले शादी करते हैं:

  • लड़की के लिए कानूनी उम्र: 18 साल
  • लड़के के लिए कानूनी उम्र: 21 साल

तो ऐसे लोगों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी, न ही कोई सरकारी रोजगार योजना का लाभ मिलेगा। यानी कम उम्र में शादी करने पर सरकार आजीवन कई सुविधाओं से बाहर कर देगी।

3. कुछ खास समुदायों को तीन बच्चों की छूट

निम्न समुदायों को तीन बच्चों तक की विशेष छूट दी गई है:

  • अनुसूचित जनजाति (ST)
  • अनुसूचित जाति (SC)
  • चाय बागान जनजाति
  • मोरन समुदाय
  • मोटोक समुदाय

इन समुदायों के लोग:

तीन बच्चे होने पर भी सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाओं और स्वयं सहायता समूह (SHG) की सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। बाकी सभी लोगों के लिए — दो बच्चों का नियम सख्ती से लागू रहेगा।

4. स्वयं सहायता समूह (SHG) के लिए इनाम प्रणाली

यदि किसी SHG समूह की सभी महिला सदस्य दो बच्चे (या विशेष समुदायों में तीन बच्चे) तक ही परिवार रोकती हैं तो ऐसे SHG को अतिरिक्त अनुदान और विशेष सुविधाएं मिलेगी। यानी सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि देगी।

5. पंचायत और नगर निगम चुनाव लड़ने पर भी नियम

जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, वे पंचायत या नगर निगम चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सरकार इसके लिए नया कानून बनाएगी। इसी तरह के नियम अन्य स्थानीय निकायों पर भी लागू हो सकते हैं।

6. पंचायत चुनाव के लिए शिक्षा का नियम भी आने वाला

  • जल्द ही पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की जाएगी।
    जैसे:
    • 10वीं पास
    • या 8वीं पास
      (इस पर अंतिम निर्णय जल्द होगा)

7. विधायक बनने के लिए भी दो बच्चों का नियम प्रस्तावित

असम सरकार केंद्र से आग्रह करेगी कि राज्य के विधायक भी दो से ज्यादा बच्चे न रखें। यदि कोई विधायक तीसरा बच्चा करता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा और आगे चुनाव लड़ने से रोका जाएगा।

8. किन बच्चों को गिनती में शामिल किया जाएगा?

नीति के अनुसार सिर्फ जीवित बच्चे गिने जाएंगे। अपना जन्मा हुआ बच्चा और कानूनी रूप से गोद लिया गया बच्चा भी गिना जाएगा। यदि कोई बच्चे को छोड़ दे या त्याग दे तो यह नियम से बाहर नहीं होगा — ऐसा करना गलत माना जाएगा।

जुड़वां/त्रिपुल बच्चों पर छूट

यदि दूसरे या किसी भी प्रसव में जुड़वां या तीन बच्चे होते हैं, तो इसका नुकसान माता-पिता को नहीं दिया जाएगा।

दिव्यांग बच्चे के मामले में

यदि बच्चा दिव्यांग पैदा होता है, तो सरकार विशेष परिस्थितियों के अनुसार छूट देने का अधिकार रखती है।

9. नीति कब से लागू?

  • यह नई नीति दिसंबर 2025 से लागू हो गई है।
  • स्वास्थ्य विभाग ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।
  • नीति को विभाग की वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है।
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