छुरा (गंगा प्रकाश)। जिला गरियाबंद के समग्र शिक्षा मिशन में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विकासखंड छुरा अंतर्गत 35 संकुल समन्वयकों ने संयुक्त रूप से बीआरसीसी (BRCC) छुरा पदस्थ अधिकारी हरीश कुमार देवांगन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समन्वयकों का आरोप है कि देवांगन की नियुक्ति नियम विरुद्ध की गई है और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए संकुल समन्वयकों से आर्थिक लेनदेन एवं राजनीतिक दबाव का दुरुपयोग किया है।

27 सितंबर को सौंपा गया था शिकायत पत्र
संकुल समन्वयकों ने संयुक्त रूप से 27 सितंबर 2025 को जिला मिशन संचालक एवं कलेक्टर गरियाबंद को एक लिखित शिकायत सौंपी थी। इस पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि हरीश कुमार देवांगन ने अपनी पदस्थापना अवधि के दौरान नियमों को ताक पर रखकर काम किया, समन्वयकों से आर्थिक लेनदेन किया,और कार्यस्थल पर राजनीतिक प्रभाव का प्रदर्शन किया।
इसके बावजूद, प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे संकुल समन्वयकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
समन्वयकों ने किया 3 दिन का अल्टीमेटम, 13 अक्टूबर से कलमबंद आंदोलन की चेतावनी
सभी 35 संकुल समन्वयकों ने अपने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में कहा है कि यदि तीन दिनों के भीतर श्री देवांगन को हटाया नहीं गया, तो वे 13 अक्टूबर 2025 से काम बंद, कलम बंद आंदोलन शुरू करेंगे।
उनका कहना है कि वर्तमान स्थिति में “कार्य करने का वातावरण दूषित हो गया है” और “BRCC का रवैया सहयोगात्मक नहीं, बल्कि दबावपूर्ण” है।
संकुल समन्वयकों की मांग
पत्र में प्रमुख रूप से निम्न बिंदुओं को रखा गया है:
1. हरीश कुमार देवांगन को तत्काल पद से हटाया जाए।
2. समग्र शिक्षा छुरा विकासखंड में निष्पक्ष जांच समिति गठित की जाए।
3. दोष सिद्ध होने पर देवांगन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता
पत्र में हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख संकुल समन्वयकों में –यशवंत कुमार सिन्हा (संकुल सेम्हरा),गोवर्धन प्रसाद यदु (संकुल मुढीपानी),संतोष कुमार साहू (संकुल रुवाड़) शामिल हैं। इनके साथ अन्य 32 संकुल समन्वयकों ने भी अपने हस्ताक्षर कर सामूहिक असंतोष व्यक्त किया है।
प्रशासनिक गलियारों में मचा हड़कंप
इस सामूहिक शिकायत और आंदोलन की चेतावनी से जिला समग्र शिक्षा मिशन एवं शिक्षा विभाग में भारी हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार, जिला शिक्षा कार्यालय ने इस मामले पर आंतरिक रिपोर्ट तलब की है। वहीं, कुछ अधिकारियों का कहना है कि “विभागीय अनुशासन के तहत मामला जांच के अधीन है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों का कहना — हम सम्मान के साथ काम करना चाहते हैं
संकुल समन्वयकों ने कहा कि वे आंदोलन के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन अगर बार-बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती, तो यह आत्मसम्मान की लड़ाई है।
उनका कहना है – “हम बच्चे, शिक्षक और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए समर्पित हैं, लेकिन यदि हमारे ऊपर राजनीतिक दबाव और धन के लेनदेन का बोझ डाला जाएगा, तो यह शिक्षा के उद्देश्य के साथ अन्याय है।
अब निगाहें कलेक्टर और जिला मिशन संचालक पर
अब जिलेभर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक गरियाबंद इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
क्या हरीश देवांगन को पद से हटाया जाएगा?
या फिर 13 अक्टूबर से शुरू होने वाला संकुल समन्वयकों का “कामबंद आंदोलन” शिक्षा व्यवस्था को ठप कर देगा?
आने वाले कुछ दिन छुरा ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक साख दोनों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।