
सरकार का पिछड़ावर्ग समाज के साथ सौतेला व्यवहार आखिर कब तक?
कोंडागांव (गंगा प्रकाश) – सर्व पिछड़ावर्ग समाज जिलाध्यक्ष कोंडागांव रितेश पटेल ने प्रेस को बयान जारी कर सरकार पर पिछड़ावर्ग समाज के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है कहा कि सरकारें भी माँ और मौसी का व्यवहार कर सकती है यह छत्तीसगढ़ सरकार ने साबित कर दिया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के 32 प्रतिशत आरक्षण मे हुई कटौती के मुद्दे पर चर्चा हेतु विधानसभा कि विशेष सत्र बुलाती है जो कि तारीफ के काबिल है 32 प्रतिशत आरक्षण बरकरार होनी चाहिए पर उसी सरकार का पिछड़ावर्ग समाज के 27 प्रतिशत आरक्षण के मामले पर चुप्पी साधे बैठना पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों पर एक कठोराघात है। पिछड़ावर्ग समाज शांत समाज है अपनी जायज मांगों को सदैव शांतिपूर्ण तरिके से रखते आई है शायद इसी का परिणाम है विशाल जनसमुदाय के साथ ऐतिहासिक कार्यक्रम के माध्यम से आवाज बुलंद करने के बाद भी पिछड़ावर्ग के प्रमुख मुद्दों मे से एक पेशा क़ानून मे शामिल करने 27 प्रतिशत आरक्षण देने कि मांगों पर सरकार के कानों मे जु तक नहीं रेंग रही। हम पिछड़ावर्ग समाज के लोग बस्तर मे आदि काल से निवासरत हैं हम भी आदिवासी हैं हम भी मूलनिवासी हैं हमें भी पेशा क़ानून मे शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि हमारी संस्कृति सभ्यता सभी एक है हम हमारे अनुसूचित भाइयों के 32 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण समर्थन करते हैं साथ ही सरकार से अपील करते हैं पिछड़ावर्ग समाज के साथ इस प्रकार का भेदभाव पूर्ण रवैया न अपनाये और 27 प्रतिशत आरक्षण बहाली के लिए ठोस कदम उठाते हुए पिछड़ावर्ग के बारे मे भी सोंचे। बस्तर मे निवासरत हम सभी जातियों को 12 भाई के नाम पर जाना जाता रहा है हम सभी समाज के लोग एक दूसरे के पूरक के रूप मे आजतक काम करते आये हैं व्यवस्था के आधार पर कामों का विभाजन रहा है जो कि आज भी यथावत है परन्तु सरकार द्वारा माँ और मौसी जैसा रवैया अपनाना हमारे आपसी भाईचारे मे सेंधमारी करने जैसा प्रतीत हो रहा है सरकार से गुजारिश है जिस प्रकार से अनुसूचित जनजाति के लिए चिंतित है पिछड़ावर्ग समाज के लोगों के बारे मे भी विचार करें अन्यथा आगामी समय मे बस्तर कि आवाज राजधानी मे गूंजेगी बस्तर के पिछड़ावर्ग समाज के साथी रायपुर राजधानी मे कई लाखों कि संख्या मे पहुंच हल्लाबोल करेंगे।