
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ में कोटवारों का मानदेय बढ़ाने के बाद भी उनमें असंतोष है। इसे लेकर 18 अगस्त को कोटवार संघ ने बैठक बुलाई है। जिसमें आगे की रणनीति और आंदोलन पर भी चर्चा हो सकती है। संघ के अध्यक्ष ने मानदेय बढ़ाने को चुनावी झुनझुना बताया है। उनका कहना है कि भू राजस्व संहिता में सुधार नियमितीकरण जैसे मुख्य मांगों पर अभी विचार नहीं किया गया है। सरकार ने प्रदेश भर के 15 हजार कोटवारों को मानदेय बढ़ाया है। इसे लेकर आदेश भी जारी हो गया है। सरकार के जारी आदेश में कोटवारों के पास की जमीनों के हिसाब से मानदेय में वृद्धि की गई है। जिससे कोई सेवा भूमि होने वाले को 4500 से बढ़ाकर ₹ 6000 मानदेय किया है। वहीं 3 एकड़ तक सेवा भूमि वाले कोटवारों को 4050 से मानदेय बढ़ाकर ₹5500 कर दिया गया है। इसके अलावा 7.5 एकड़ सेवा भूमि वाले को 3375 की जगह 4500 मानदेय 7.5 से ज्यादा सेवा कर भूमि रखे हुए कोटवारों को 2250 से 3000 मानदेय मिलेगा। यह बढ़ी हुई राशि 1 अप्रैल 2023 से ही लागू हो गई है। कोटबार एसोसिएशन आफ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि चुनावी साल को देखते हुए सरकार ने मानदेय में थोड़ी वृद्धि की है इसके अलावा हमारी भू राजस्व संहिता में सुधार की मांग को भी दरकिनार किया गया है।