
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। रसोई गैस की कीमत पर कांग्रेस भाजपा एक दूसरे पर वार-प्रतिवार कर रहे है। भाजपा जहां इसे महिलाओं को दी जाने वाली बड़ी राहत मान रही है। वहीं कांग्रेस इसे चुनावी हतकंडा बता रही है। कांग्रेस की फिंगेश्वर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा जगन्नाथ साहू ने मोदी सरकार के द्वारा रसोई गैस में दी गई 200 रू. सब्सिडी को अपर्याप्त बताया उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार के समय रसोई गैस सिलेण्डर 400 रू. में गरीब जनता के घर तक पहुंचता था उसमें सब्सिडी मिलती थी उस सब्सिडी को खत्म कर मोदी सरकार ने 1200 रू. के दाम में बेचना शुरू किया। मोदी सरकार 9 साल तक रसोई गैस के दाम में लूट करने के बाद आगामी चुनाव में भाजपा की करारी हार को देखते हुए अब छूट देने का नाटक और नौटंकी कर रही है। मोदी सरकार के द्वारा दी गई छूट से भी जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलना है। जनका को तो मनमोहन सरकार के समय मिलने वाले रसोई गैस के दाम पर सिलेण्डर मिलना चाहिए। श्रीमती पुष्पा साहू ने कहा कि मोदी सरकार चुनाव को देखते हुए जनता को राहत देने का सियासी नौटंकी करती है। पेट्रोल-डीजल के दाम में मनमाना एक्साइज ड्यूटी वसूला गया। जबकि अंर्तराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 2014 के मुकाबले कम है उसके बावजूद देश की जनता को पेट्रोल डीजल में राहत नहीं मिल रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भावसिंग साहू ने कहा कि 100 दिनों में महंगाई कम कर जनता को राहत देने की गारंटी देकर सत्ता में आने वाले मोदी सरकार की मुनाफाखोरी के नीति के चलते जनता आज महंगाई से परेशान है। मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों संगठित होकर जनता से पेट्रोल डीजल में मुनाफा कमा रही है। जनता महंगाई से बेहाल है। मोदी सरकार खुद के मुनाफा और पेट्रोलियम कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए क्रूड ऑयल की कीमत में 35 प्रतिशत की कमी का फायदा जनता को नहीं दे रही है। बीते 9 साल में मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल में भारी भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर 30 करोड़ रू. गरीब जनता की जेब से निकल लिया है और अब पेट्रोलियम कंपनियों को संरक्षण देकर उनके फायदा के लिए काम कर रही है। गरीब जनता महंगाई से कहरा रही है उनकी पीड़ा को केन्द्र की सरकार अनसुना कर रही है। कांग्रेस के नेता द्वय ने मोदी सरकार से पूछा जब अंर्तराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम में 35 प्रतिशत तक की गिरावट आई है फिर देश के भीतर पेट्रोल डीजल की दरों में 35 प्रतिशत की कमी क्यों नहीं की गई ? पेट्रोल डीजल के दामों में 35 प्रतिशत की कमी की जाती और एक्साइज ड्यूटी मनमोहन सरकार के दौरान की ली जाती तो देश की जनता को महंगाई से बड़ी राहत मिलती। आवश्यक वस्तुओं के दामों में भी 30 से 35 प्रतिशत की कमी आती। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते सब्जी की कीमत में शत प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है दवाइयों के कीमत में 30 प्रतिशत किताब, कॉपी, स्टेशनरी, जुता चप्पल के दाम में 20 प्रतिशत खाद्य तेल, दाल, शक्कर, कपड़ा, टोल टैक्स, ऑटो पार्टस, टायर, ट्यूब, ऑयल, ग्रीस, सौंदर्य प्रसाधन सहित सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम में 2014 के मुकाबले 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। महंगाई से आम जनता काफी परेशान एवं घबराई हुई है।