
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।क्षेत्र में वजन त्यौहार तो शुरू कर दिया गया है लेकिन बिगड़े तौल यंत्रो को सुधारने की दिशा में लंबे समय से काम नहीं किया गया है। शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों में एक से 13 सितंबर तक चलने वाला वजन त्यौहार शुरू हो गया है। कई आंगनबाड़ी केन्द्रों के तौल यंत्र खराब है। ऐसे में बिगड़े मेनुअल कांटो से ही काम चलाया जा रहा है। समूह के कार्यकर्ताओं की ओर से आवेदन किए जाने के बाद भी तौलयंत्र का सुधार नहीं किया गया है। वजन का सही आकलन नहीं होने की वजह से कुपोषण मुक्ति के लिए चलाया जा रहा है अभियान महज औपचारिक हो रहा है। केन्द्रों में दो तरह के तौल यंत्र उपलब्ध कराए गए है जिसमें इलेक्ट्रानिक व शाल्टर यंत्र शामिल है। इलेक्ट्रानिक तौल यंत्र की विशेषता यह है कि इसमें चिप्स लगा होता है जिससे दो किलो से भी कम वजन के बच्चे को तौला जा सकता है। शाल्टर मशीन से साल भर से अधिक आयु के बच्चे का वजन तौलना संभव है। ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र है जहां इलेक्ट्रानिक कांटा खराब होने की वजह से शाल्टर कांटा से तौल की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इलेक्ट्रानिक वजनमापी यंत्र वर्तमान में ऐसे केन्द्रों को प्रदान किया गया है जहां विद्युत की सुविधा है जबकि उन केन्द्रों को यंत्रों से वंचित रखा गया है जहां अब तक विद्युत आपूर्ति नहीं हुई है। ऐसे में दूर दराज वनांचल गांव से कुपोषित बच्चों की सही जानकारी मिलने में असुविधा हो रही है।