
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।सनातन पंचांग के अनुसार, 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मॉ लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। तिथि का शुभ मुहूर्त मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 दिसंबर को सुबह 07 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी। सर्वार्थ सिद्धि योग मोक्षदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 36 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा। रवि योग मोक्षदा एकादशी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट से लेकर संध्याकाल 09 बजकर 36 मिनट तक है।