
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। दाई तोर टिके नोनी अचहर की ददा तोर टीके लेनहा भाई के रोए ले छतिया भींजगे की भौजी के गंगा उपजाए गीत पूरे दिन छोटे छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग गुनगुनाते दिखे। गांव के प्रमुख चौक में गुड्डे-गुड़ियों का विवाह मंडप तैयार कर विधि विधान पूर्वक मनाया गया। ग्राम पंचायत पतोरा में अक्षय तृतीया पर्व बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही अक्षय तृतीया को लेकर व्यापक रूप से छोटे छोटे बच्चों के द्वारा तैयारी की गई थी ढोल नगाड़ों के साथ घर-घर जाकर आमंत्रण दिया गया जिसको गांव वालों ने सहर्ष स्वीकार करते हुए उनके खुशियों में शामिल होने की बात कही। बच्चों के द्वारा पुतरा पुतरी के विवाह के लिए सुन्दर मंड़प बनाया गया था चुलमाटी, मेंहदी, पारम्परिक बाजा टिकावन पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ मनाया गया कहते हैं आज का दिन अन्य दिनों की अपेक्षा काफी शुभ माना गया है बहुत से मांगलिक कार्य का शुभारंभ अक्षय तृतीया के साथ शुभारंभ होता हैं भगवान परशुराम का जन्म, किसान गांव के ठाकुर दिया में धान की विशेष पूजा अर्चना जैसे अनेक शुभ मुहूर्त मानकर किया जाता हैं जिसका उल्लेख हमारे धर्म ग्रंथों एवं शास्त्री में मिलता है।गांव वालों के लिए खीर पुड़ी, नास्ता एवं भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी। इस पुण्य के कार्य में गांव वालों का भरपूर सहयोग रहा। जिसमें छोटे बच्चों के साथ गांव के महिला, पुरूष, नवजवान युवाओं का भरपूर सहयोग रहा प्रमुख रूप से कुमारी पूजा, रानी, मधु, तनु, गायत्री, मीनाक्षी, गुनगुन, नैतिक, चेमन, लक्की, मनीष, भीनेश, तुषार, धन्नू, करण, सिद्धि, हीना, कुमारी बाई, बिराजोबाई, दुलारी, रेवती, सुनीता, सेवती, चुन्नी बाई, पूना बाई, लोकेश्वरी साहू, मुक्ति साहू, नंदनी दीवान, समुंद बाई, दयाराम दीवान, मुकेश साहू, सीताराम नागवंशी, प्रकाश साहू, बसंत दीवान, गौतम साहू, प्रेम साहू, प्रेमचंद दीवान, पन्ना लाल दीवान, ओमप्रकाश दीवान, टीकम साहू का विशेष सहयोग रहा। इन सभी ने भी अपना योगदान दिया।