भूपेश बघेल का रिश्तेदार बताने बाला “भगोड़ा” राइस मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्‍यक्ष रोशन चंद्राकार को ईडी ने किया गिरफ्तार

रिपोर्ट:मनोज सिंह ठाकुर

रायपुर(गंगा प्रकाश)। कांग्रेस शासन काल में हुए डेढ़ सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि घोटाले की जांच कर रही ईडी ने एक राइस मिलर रौशन चंद्राकर को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश करने के बाद ईडी ने उसे पांच दिन की रिमांड पर लिया है। राजधानी से लगे धमतरी जिले का निवासी रैशन मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष रहा है।
मार्कफेड के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज सोनी से हुई पूछताछ के हवाले से जांच को आगे बढ़ाने मिलर को गिरफ्तार किया गया है। इस मिलर के यहां पिछले वर्ष इनकम टैक्स ने कार्रवाई की थी। उसके बाद से उसके विदेश भागने की खबरें आ रही थी। जांच एजेंसी के सूत्रों ने  इससे पूछताछ के बाद मामले में तफ्तीश का दायरा बढ़ने कि जानकारी दी है।जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के जात भाई होने का फायदा उठाया,पूरे घोटाले में. रोशन चंद्राकर से पूछताछ में और भी खुलासे होंगे, इस घोटाले में शामिल बड़े बड़े नेता और अफसरों की मुश्किलें बढ़ गई है।रोशन चंद्राकर से जितनी भी कड़ी जुड़ी हुई है इन सभी का पर्दाफाश होगा,ED ने रोशन चंद्राकर को रायपुर कोर्ट में पेश कर रिमांड माँगा है। उल्लेखनीय है कि, 6 दिन पहले कस्टम मिलिंग घोटाले में गिरफ्तार मार्कफेड के पूर्व अधिकारी मनोज सोनी को शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया था। जहां एचडी ने फिर से अपना टॉयलेट रिप्लेस किया। कोर्ट ने मार्कफेड के पूर्व अधिकारी को दूसरी बार 5 दिनों के लिए डेडलाइन के आधार पर पेश किया। कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में एक साल से अधिक समय से संपत्ति के अधिग्रहण के मामले में मुख्य प्रमुख मैगज़ीन रिचर्डसन की अदालत ने नान के पूर्व एमडी मनोज सोनी, कॉर्बा एमडी प्रितिका पूजा केरके और छह मिलर को नोटिस जारी किया था। क्रिएचर विभाग की ओर से पैरवी कर रहे हैं विशेष लोक अभियोजक विवेक डिस्कवरी के अनुसार मार्कफेड के प्रवक्ता एमडी मनोज सोनी, विपणन अधिकारी प्रितिका पूजा केरकेटटा और 16 राइस मिलर्स के क्रिटिकल विभाग के साथियों ने पिछले साल जुलाई में छापी थी।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल का रिस्तेदार होने का देता था धौंस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भगोड़ी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का गुर्गा रोशन चंद्राकर वसूली के लिए अपने आप को पूर्व सीएम भूपेश बघेल का रिश्तेदार बताता था, साथ ही रामगोपाल अग्रवाल के नाम से राइसमिलरों से वसूली करता था। जो पैसा नहीं देता ता उसका भुगतान रोक देता था। रोशन चंद्राकर राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष की जगह जागीरदार की तरह लेव्ही वसूली करने लगा था। जिसका कोई हिसाब किताब नहीं था।अब भगौड़ा रामगोपाल अग्रवाल (छग कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष) भी पकड़ में आएगा। रोशन की गिरफ्तारी के बाद उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में गुरुवार को ईडी ने राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है। रोशन की गिरफ्तारी दिल्ली से की गई है। उन्हें रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 5 दिन की रिमांड पर सौंपा गया है।
ईडी की ओर से सुनवाई के दौरान रोशन चंद्राकार की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी। 140 करोड़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले 30 अप्रैल को ईडी ने मार्कफेड के पूर्व एसडी मनोज सोनी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते। जिनसे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता। कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था। कारोबारियों के अनुसार, मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर और उनके सहयोगियों का खेल 2 साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटे धान को पतला करने, पतले धान को मोटा करने, स्नष्टढ्ढ को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।  ईडी की जांच में ये पाया गया कि, तत्कालीन जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है। किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए मिलती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देता थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी।

कस्टम मिलिंग मामले में हुई भ्रष्टाचार की जांच और मनोज सोनी की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राइस मिलर्स को समंस जारी किया है। वहीं, एसोसिएशन से जुड़े कई लोगों ने श्वष्ठ दफ्तर पहुंच कर अपने बयान दर्ज कराए हैं। पूछताछ में सहयोग नहीं करने और समंस के बाद भी नहीं आने वाले अधिकारियों और एसोसिएशन से जुड़े लोगों को जल्द ही श्वष्ठ गिरफ्तार कर सकती है। अक्टूबर 2023 को छापा मारा था ईडी की टीम ने 20 अक्टूबर 2023 को श्वष्ठ ने छापा मारा था। ईडी ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व एसडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई। चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। श्वष्ठ ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद श्वष्ठ की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई।

प्रति अप्रूवल 20 रुपये कमीशन लेते थे, ब्याज

की कार्रवाई में बोगस मोबाइल के दस्तावेज़ के साथ कस्टम मिलिंग के दस्तावेज़ में प्रति अप्रूवल 20 रुपये कमीशन फॉर जाने के इंक्वायरी मिले थे। प्रकरण की जांच के बाद 15 सितंबर को क्रूरता विभाग ने अदालत में परिवाद पेश किया। कृषि विभाग के विरोध को अदालत में पेश किया गया। इसके बाद भी प्रकरण में नवजात शिशु नहीं हो रहे थे। सी एलेक्ट्रिकल ने रसायन विज्ञान विभाग की ओर से पेश किए गए आवेदन को देखते हुए सभी चार को स्वयं या फिर डिकैटल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने का आदेश जारी किया था।

इन परिवाद के खिलाफ़

कम्युनिस्ट पार्टी ने जिन लोगों की अदालत में परिवाद पेश किया था। इनमें नान के एमडी रहे मनोज सोनी के साथ कोरबा टीचर्स प्रितिका पूजा केरकेट्टा, राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूगंटा, उपाध्यक्ष पारसमल चोपड़ा, दर्जा प्राप्त रोशन चंद्राकर, राइस मिलर संतोष अग्रवाल, अमित अग्रवाल और प्रशांत अग्रवाल के नाम शामिल हैं।

शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा

6 मार्च 2023 को विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो मिलर्स वसूली देते है, उनको ही भुगतान होता है। इसके बाद तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सबूत मांगा था और सदन में जमकर हंगामा हुआ था। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ़्तार किया है। इस मामले में पहले इंकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई की थी। अब ईडी की एंट्री से कई और लोगों की मुसीबत बढ़ेगी। आरोप है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर प्रति क्विंटल 20 रुपये रिश्वत वसूली है। रकम मार्कफेड के जिला अधिकारी को दी गई है। उनके माध्यम से उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया गया। इस दौरान 140 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूल किया गया है। इस दौरान जिन्होंने रिश्वत दी एमडी ने उनके ही बिल का भुगतान किया। रिश्वत के तौर पर पैसे न देने वालों का भुगतान रोक दिया गया है। कई लोगों के बिल का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के एमडी रहे मनोज सोनी को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया गया। अभी मनोज सोनी 28 मई तक जेल में है। मनोज से पूछताछ के बाद ईडी ने राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारी रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया है। ईडी को मनोज सोनी और रौशन के मोबाइल में मिले चैट, ट्रांजेक्शन के संबंध में पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के जात भाई होने का फायदा उठाया. पूरे घोटाले में. रोशन चंद्राकर से पूछताछ में और भी खुलासे होंगे. इस घोटाले में शामिल बड़े बड़े नेता और अफसरों की मुश्किलें बढ़ गई है. रोशन चंद्राकर से जितनी भी कड़ी जुड़ी हुई है इन सभी का पर्दाफाश होगा. श्वष्ठ ने रोशन चंद्राकर को रायपुर कोर्ट में पेश कर रिमांड माँगा है। 5 दिन की रिमांड में भेजा गया कांग्रेस शासन काल में हुए डेढ़ सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि घोटाले की जांच कर रही ईडी ने एक राइस मिलर रौशन चंद्राकर को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश करने के बाद ईडी ने उसे पांच दिन की रिमांड पर लिया है। राजधानी से लगे धमतरी जिले का निवासी रोशन मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष रहा है। मार्कफेड के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज सोनी से हुई पूछताछ के हवाले से जांच को आगे बढ़ाने मिलर को गिरफ्तार किया गया है। इस मिलर के यहां पिछले वर्ष इनकम टैक्स ने कार्रवाई की थी। उसके बाद से उसके विदेश भागने की खबरें आ रही थी। जांच एजेंसी के सूत्रों ने इससे पूछताछ के बाद मामले में तफ्तीश का दायरा बढऩे कि जानकारी दी है।

जानिए…क्‍या है कस्‍टम मिलिंग घोटाला

विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई। प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही से लगभग 1.06 करोड़ रूपये की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है।साथ ही बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए है। लगभन 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपडा एवं कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है, जो प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 120 बी, 409 भा.द.वि. एवं धारा 13 (1) (क) सहपठित धारा 13(2) एवं 11. अ.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।
बता दें कि सोनी को पहले ईओडब्‍ल्‍यू ने पूछताछ के लिए बुलाया था, इसी दौरान ईडी की टीम भी वहां अचानक पहुंची और मनोज सोनी को गाड़ी में बिठाकर लेकर चली गई। इससे पहले ईओडब्लू ने कस्टम मीलिंग घोटाले में जांच तेज कर दी है। हजारों करोड़ के घोटाले में कथित मास्टर माइंड रोशन चंद्राकर से कल पूछताछ हुई थी और आज खाद्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव और बीएसएनल अधिकारी मनोज सोनी को पूछताछ के लिए ईओडब्लू तलब किया गया है। मनोज सोनी मार्कफेड के एमडी भी रहे हैं। मनोज सोनी के खिलाफ ईओडब्लू में भी केस दर्ज है। सोनी के ठिकानों पर ईडी का दो बार छापा भी पड़ चुका है। इसी कस्टम मीलिंग घोटाले में ईओडब्लू ने भी मुकदमा दायर किया है। इसमें मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर समेत कई अफसरों, कांग्रेस नेताओं और राईस मिलरों के नाम हैं।

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