
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। आयुष्मान योजना में पंजीकृत निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और फर्जीवाड़े पर विष्णु देव सरकार सख्त कदम उठा रही है। विष्णु के सुशासन में अब मेडिकल माफियाओं की खैर नही है। जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने विष्णु सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों पर कार्यवाही में लग गया है। आयुष्मान भारत मे अस्पतालो कि शिकायत रहती है कि पेमेंट सही समय और उच्ची अप्रोच पर ही हो पाता था, विष्णुदेव सरकार के निर्देशानुसार अब फीफा के माध्यम से फर्स्ट कम फर्स्ट आउट के आधार पर पेमेंट किया जा रहा। अब अस्पतालो को पेमेंट के लिए कोई जुगाड़ लगाना नही पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्यवाही की है और लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य नोडल एजेंसी ऋतुराज रघुवंशी ने प्राप्त हो रही शिकायतों पर जिला स्तर पर जिला शिकायत निवारण समिति ;क्ळत्ब्द्ध तथा राज्य स्तर पर राज्य शिकायत निवारण समिति ;ैळत्ब्द्ध में निराकरण कर रहे है और शिकायत सही पाए जाने पर जुर्माना और ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जा रही है। शिकायतों पर राज्य एवं जिला स्तरीय निरीक्षण टीम के द्वारा नियमित रूप से योजना की समीक्षा की जाती है। इसी क्रम में फिंगेश्वर विकासखंड में राजिम स्थित मॉ यशोदा अस्पताल के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। आयुष्मान योजना के द्वारा ईलाज हेतु भर्ती मरीजों से 104 आरोग्य सेवा के द्वारा फीडबैक भी ली जा रही है। जिसमें मरीजों से अतिरिक्त राशि लिए जाने, उपचार में कोई शिकायत, अस्पताल में साफ सफाई के साथ साथ चिकित्सक तथा स्टाफ के व्यवहार संबंधी जानकारी है। ऐसे अस्पताल जिनके द्वारा अतिरिक्त राशि लेने की पुष्टि हुई है उसके विरुद्ध अर्थदंड की कार्यवाही की जा रही है। कुछ अस्पताल हेल्थ पैकेज कोड के विपरीत क्लेम बुक किये है ऐसे क्लेम को निरस्त या आंशिक भुगतान की गई है। मरीज जिनका इलाज ओपीडी में की जा सकती है उन मरीजों को आई पी डी के रूप में भर्ती कराया जाता है ऐसे अस्पताल के विरुद्ध भी गाइडलाइन के अनुसार सख्ती से कार्यवाही निरंतर जारी है। जिले के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है कि जिला स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सक की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए जिन अस्पताल में एक ही प्रकार के क्लेम की संख्या अधिक रिपोर्ट की जा रही हो वहां स्थल निरीक्षण भी की जा रही है और भर्ती मरीज से सीधे जानकारी ली जाकर कार्यवाही शामिल हैं। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखंड में राजिम स्थित मॉं यशोदा अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए गए है। गरीब और जरूरतमंद लोगों को अच्छे एवं आधुनिक अस्पतालों में ईलाज की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना में सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना अंतर्गत् चिन्हांकित श्रेणी के परिवार, अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवारों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा, आयुष्मान कार्ड के जरिए हर वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रूपए तक निःशुल्क ईलाज प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य के बाकी राशन कार्डधारी परिवारों को राज्य सरकार शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रति परिवार 50 हजार रूपए तक ईलाज मुफ्त ईलाज की सुविधा दे रही है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा कर लाखों करोड़ों का घोटाला करने वाले 30 से अधिक अस्पतालों को महज जुर्माना लगा कर क्यों छोड़ा जा रहा है ? सोशल एंड आरटीआई एक्टविस्ट कुणाल शुक्ला ने कहा कि सवाल यह है कि पुलिस में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई जा रही है ? मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले रसूखदारों पर एफआईआर नहीं करवाने के लिए किसका दबाव है ? क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है इसलिए पुलिसिया कार्यवाही से बचा जा रहा है ? मरीजों और सरकार के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले 30 से अधिक रसूखदार अस्पतालों के संचालकों पर जुर्म दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
जिले के फिंगेश्वर विकासखंड स्थित राजिम के मॉ यशोदा अस्पताल के संचालकों को आयुष्मान कार्ड से हुए इलाज में व्यापत अनियमियताओं की शिकायत पर छ.ग. शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
डॉ. गार्गी यदु, जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी