आज पत्रकार ही पत्रकार का दुश्मन बन बैठा है

डोंगरगांव (गंगा प्रकाश)। चौथे स्तंभ के नाम पर मीडिया और पत्रकारों का मखौल उड़ाया गया है।आज के युग में मीडिया तीन भागों में बांट दिया गया है प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया।

इन तीनों मीडिया के बीच एक और मीडिया है जो इन तीनों मीडिया को बदनाम करने के लिए अकेले सब पर भारी है जिसको आप कह सकतें हैं दलाल मीडिया।

जिनको खबरों से कुछ लेना-देना नहीं होता है देश के प्रति समाज के प्रति इनका कोई रुझान नहीं होता।

लेकिन इनका भौकाल देख कर शासन प्रशासन भी गुमराह हो जायेगा।

बड़ी बड़ी बातें नेता विधायक, सांसद, मंत्री व प्रशासनिक अधिकारी तथा पुलिस अधकारियो के साथ सेल्फ़ी, महंगे सूट-बूट पहने अक्सर ये किसी न किसी कार्यालय में दलाली करते मिल जायेंगे।

और जान पर खेल कर एक ख़बर लिखने वाले पत्रकार पर अपना प्रभाव दिखा कर रौब झाड़ेंगे ख़ास कर उस पत्रकार से जो निष्पक्ष पत्रकारिता करके इमानदारी से देश और समाज की सेवा करता है।

कहीं वो डिजिटल मीडिया का स्वतंत्र पत्रकार हो तो उसे और दबाने की कोशिश करेंगे और अपने आकाओं को बतायेंगे की ये यूट्यूबर है।

ऐसे दलाल, तथाकथित पत्रकारों की पकड़ थाने चौकी पर बहुत बढ़िया से होती है जिससे चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी, निरीक्षक, क्षेत्राधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसे दलाल, तथाकथित पत्रकारों के कहने से बड़ी आसानी से उस निष्पक्ष, ईमानदार, निर्भीक पत्रकार पर फर्जी मुकदमा दर्ज करके अपमानित कर जेल और न्यायालय का रास्ता दिखा देते हैं।या प्रेस क्लब या प्रेस टीम के नाम पर इन्हीं तथाकथित दलाल पत्रकारों के कारण प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया का आपसी तालमेल भी नहीं बैठ पाता। और ख़बर का असर भी देखने को नहीं मिलता।और सभी पत्रकारों की एकता कमजोर होती है पत्रकार वही होता है जो खबरों से आपको रुबरु कराता हो।

जिसकी लिखी हुई ख़बर वीडियो सूट की गई खबर या लेख आपको मिलता हो।

वो अखबार में छपी हो या टीवी चैनल पर चली हो या फिर डिजिटल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो।

पत्रकार वो नहीं होता जो कार में प्रेस लिखवा ले गले में आई कार्ड डाल ले और चौकी, थानों पर नगरनिगम, एलडीए में, रेलवे ट्राफिक, आर टी ओ जैसे विभागों में दिखे और दलाली करे और उसका ख़बर कभी पढ़ने को देखने को न मिले।

ऐसे लोग सही पत्रकार को नीचा दिखाने के लिए डिग्री की बात करेंगे पहनावा कठ काठी की बात करेंगे और अपने आपको सबसे बड़े बैनर का पत्रकार बता कर शासन प्रशासन को गुमराह करके एक अच्छे पत्रकार को बदनाम करेंगे तथा समाचारपत्रो के स्वामी और सम्पादक व्दारा नियुक्त किया गया व्यक्ति (पत्रकार)को आज के भ्रष्ट, लोग उसे खरीद नहीं पाते तो उसे तथाकथित निम्न दर्जे का पत्रकार लिख देते हैं।

हमें ऐसे भ्रष्ट लोगों से सावधान रहें सुरक्षित रहें।

जो वाकई में देश के लिए, समाज के लिए सच्ची पत्रकारिता करता है उस पत्रकार का सम्मान करें तभी मीडिया जगत और पत्रकार मजबूत होगा और आपको निष्पक्ष सच्ची खबरें मिलती रहेंगी।

कहने को तो पत्रकारों और मीडिया को देश का चौथा स्तम्भ बना दिया सिर्फ कागजों पर हवा में लटका दिया ना तो कोई आधार ना ही कोई शक्ति ही है अन्य स्तम्भों की भांति।जब तक पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं होगा तब तक पत्रकारों पर ज़ुल्म और उत्पीड़न होता रहेगा तथा फर्जी-झूठे मुकदमों में जेल जाना पड़ेगा। राजनैतिक दलों व्दारा अपना लाभ उठाने के लिए पत्रकारों को आश्वासन देकर बहकाया जा रहा है।

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