
फिंगेश्वरः-जिला प्रशासन, खनिज विभाग, राजस्व एवं पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही के बाद भी फिंगेश्वर विकासखंड के लचकेरा रेत खदान का अभी भी दिन रात 24 घंटे चलना निश्चित ही सरकारी शिकंजे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास खनिज विभाग का दायित्व होने से इस प्रकार के खनन में रेत माफिया की खुलेआम चुनौती को मात्र सेटिंग एवं भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा ही कहा जा रहा है। लचकेरा के ग्रामीण स्वयं रेत उत्खनन में चल रही मनमानी से न सिर्फ हतप्रभ है बल्कि स्वयं को भ्रष्टाचार के चलते असहाय महसूस कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी चैन माऊंटिंग मशीन से लगातार खनन कर रात्रि में मनमाने संख्या में हाईवा लोडिंग होकर राजिम एवं महासमुंद के रास्ते मुख्य सड़क से पार हो रही है। इस रास्ते मेंं अनेक थाना, राजस्व कार्यालय सहित अन्य अनेक विभागीय प्रमुखों के आवास एवं आना जाना लगा रहता है पूरे छ.ग. में इन दिनों जहां भी मंत्रिगण दौरे में जा रहे है लगभग प्रत्येक जगह अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण की शिकायत की जा रही है। मंत्रीगण सामने तो काफी नाराजगी एवं कार्यवाही का सख्त निर्देश देते है, परंतु फिर दो चार दिन बाद वही ढ़ाक के तीन पात वाली स्थिति होना है और रेत माफिया शिकायत कर्ताओं को ठेंगा दिखाते हुए पुनः दु्रतगति से नदियों का सीना झल्ली करने लग जाते है। यही स्थिति फिंगेश्वर विकासखंड में धड़ल्ले से चल रही लचकेरा की रेत खदान का है लगता है लचकेरा रेत खदान के लिए कोई कानून ही नहीं है लचकेरा से जामगांव होते हुए राजिम जाने वाला मार्ग रेत की भारी वाहनों से तेजी से टूटता जा रहा है। माना जा सकता है कि अवैध रेत खनन से जहां सरकार को करोड़ो के राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है वही मुख्य मार्ग के लगातार क्षतिग्रस्त से करोड़ो की क्षति के साथ इस व्यस्त मार्ग में कभी भी गंभीर दुर्घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लचकेरा के ग्रामीणों के साथ अंचलवासियों ने तत्काल अवैध रूप से चल रही लचकेरा रेत खदान पर तत्काल सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की है।