प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे मनाया गया नागपंचमी और विश्व आदिवासी दिवस

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। पाठशाला के बच्चे आदिवासी परिधान एवं अपने ड्राइंग शीट पर नाग देवता की तस्वीर बनाकर लाए थे शिक्षक खोमन सिन्हा ने बताया कि एक कथा के अनुसार नागों को सागर मंथन के समय जनमेजय यज्ञ के दौरान सभी नाग जलकर नष्ट हो जाएंगे कालांतर में जब अर्जुन के पुत्र राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय को पता चला कि उनके पिता की मृत्यु का कारण सर्पदंश था तो उन्होंने नागो से बदला लेने की सूची और सर्प सत्र नाम के यज्ञ का आयोजन किया नाग पंचमी सावन में शुक्ल पंचमी के दिन मनाई जाती है ऐसी मान्यता है की कुंडली में कालसर्प दोष आदि भी, इस दिन की गई पूजा से दूर किया जा सकता है नाग देवता की पूजा से सांपों के कारण होने वाली अनिष्ट का भय है समाप्त होता है। विश्व आदिवासी दिवस हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है यह दिन आदिवासी समुदायों की संस्कृति अधिकारों और उनके प्रति सम्मान बढ़ाने के लिए समर्पित है इस दिन को मनाने का उद्देश्य से आदिवासी लोगों की विविधता और उनकी सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देना है साथ ही उनके मानव अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना भी है कार्यक्रम में ग्राम के वरिष्ठ नागरिक खोमन साहू उत्तम बघेल प्रियांशु कंडरा गगन चतुर्वेदी कांक्षी चतुर्वेदी वैशाली मारकंडे के साथ सभी छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक खोमन सिन्हा उपस्थित रहे।

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