
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद चुन्नीलाल साहू ने किसानों व आदिवासियों के विषय मे जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस के नेता अमितेश शुक्ला का आदिवासी किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है। उनके दादा स्व. पं. रविशंकर शुक्ल म.प्र. के प्रथम मुख्यमंत्री व पिता जी स्व. श्यामाचरण शुक्ल मुख्यमंत्री रहे, चाचा जी स्व. विद्याचरण शुक्ल महासमुन्द लोकसभा से कई बार सांसद चुनकर केन्द्र में प्रभावशील मंत्री रहे। उसके बावजूद आजादी के 75 साल बाद भी गरीब किसान आदिवासी बहुल क्षेत्र की अनदेखी की गई। अपने पद और प्रतिष्ठा के विपरीत भ्रम फैलाकर राजनीति करने से बाज आये। उनके ज्ञान और सोच पर तरस आ रहा है कि उन्हे इतनी भी जानकारी नही है कि भाजपा के घोषणा पत्र में सिकासेर बांध के पानी को या सिकासेर बांध के उलट से बेकार नदी में बह जाने वाली पानी को किसानों के खेत में ले जाने की बात लिखी गयी है। गरियाबंद जिला अन्तर्गत गरियाबंद, छुरा विकासखंड के सिचाई सुविधा से वंचित आदिवासी बहुल क्षेत्र के गरीब किसान बार-बार अल्प वर्षा एवं अकाल से पीडित रहते है। फिंगेश्वर विकासखंड के महासमुन्द जिला से लगे 18 गांव सुखा नदी के उस पार के क्षेत्र में भी सिंचाई का कोई साधन नही है। क्या उन्हे इस क्षेत्र की गरीब किसान की चिन्ता नही है। क्षेत्र की जनता का मांग है कि सिकासेर बांध में पैरी नदी से जल भराव के बाद वेस्टवेयर अर्थात उलट से फिर नदी मे बह जाने वाले पानी को किसानों के खेतों मे लाया जाय। शुक्ला जी अपने जानकारी में वृध्दि करते हुये इस बात को समझे। यही नदी में बहने वाले पानी से ओडिसा के संबलपुर में स्थित हिराकुण्ड बांध बना हुआ है जहां से पश्चिम ओडिसा के अनेक जिला के किसानों को सिचाई हेतु पानी मिल रहा है, और ओडिसा सरकार इसी पानी से बिजली पैदा कर पैसा कमा रही है और हमारे क्षेत्र के गरीब किसान सिचाई सुविधा से वंचित है। तब शुक्ल जी को छ.ग. के इन गरीब किसानों की चिंता नही है, गत दिनों मुझे रसेला (छुरा) दादरगांव के आदिवासी समाज के प्रमुख के स्वर्गवास पर दशगात्र कार्यक्रम में जाना हुआ था। तब वहां के आदिवासी किसानों ने प्रशन्नता व्यक्त करते हुये सिकासेर के उलट के पानी को खेतों में ले जाने प्रयास हेतु आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी को बधाई दी है।