अंचल में धान कटाई का काम जोरों पर, खोजे नहीं मिल रहे मजदूर



फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अंचल में धान कटाई पूरे जोर-शोर से चल रही है। सुबह से ही हाथों में हसिया लेकर मजदूर खेतों की तरफ निकलते दिखते है। अधिकांश खेत हार्वेस्टर से कट रहे है। कृषक अब तक 14 नवंबर से धान बिकना शुरू हो जाएगा, इसमें संदेह जता रहे है क्योंकि धान खरीदने वाली सहकारी समितियों के कर्मचारी हड़ताल में है। इससे धान खरीदी शुरू होने में संशय बना हुआ है। फिंगेश्वर सहित अंचल में धान कटाई जोरों से शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही गांव गांव में मजदूर का संकट भी पैदा होने लगा है। मजदूरों की समस्या के चलते ही कई किसान हार्वेस्टर से धान कटाई करवाना चाह रहे है लेकिन जमीन गिली होने की वजह से हार्वेस्टर से कटाई नहीं हो पा रहे है। वहीं इस वर्ष अधिक बारिश होने के कारण अनेक गांव में कन्हार मिटटी वाले खेत एवं खासकर बांध व तालाब के नीचे खेतों में अभी भी नमी बनी हुई है, जिसके चलते हार्वेस्टर से कटाई के लिए समय लग रहा है। दीपावली के बाद गांव गली सुनी पड़ गयी है। सभी किसान अपने खेतों में धान कटाई या फसल को खलिहान तक लाने में जुट गए है। मजदूर एवं लद्यु व सीमांत किसान बहुल्य गांवो में तो श्रमिक समस्या नहीं है क्योंकि वे अपनी फसल की कटाई स्वयं परिवार सहित करते है। अनेक गांवों में छोटे किसान बारी बारी से एक दूसरे की फसल की कटाई कर रहे है लेकिन अधिकांश गांवों में मजदूर की समस्या बनी हुई है। गांव के गलियों एवं सड़कों पर चहल पहल कम हो गई है। सभी किसान जितनी जल्दी हो सके खड़ी फसल काटकर खलिहान तक पहुंचाने के लिए मशक्कत कर रहे है। धान कटाई के लिए पंजाब, हरियाणा व स्थानीय से हार्वेस्टर लेकर से किसान बड़े पैमाने पर कटाई कराने का इंतजार कर रहे है। सभी किसान अभी जोरों से किसानी कार्य में जुटे हुए है जिस कारण गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। किसान सुबह से ही फसल कटाई के लिए निकल जाते है तथा देर शाम पहुंचते है ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे है। वहीं मजदूरी में कोई नहीं जाना चाहता जिसके चलते अनेक किसान 3500 रूपए प्रति एकड़ की दर से ठेका देकर धान की कटाई करा रहे है। सरकार ने इस वर्ष किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए समर्थन मूल्य में धान की खरीदी 14 नवम्बर से शुरू हो रही है। लेकिन इस वर्ष सहकारी समिति के कर्मचारी संघ अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर है। जिसकी वजह से धान की खरीदी प्रभावित रहेगी। किसान धान की कटाई समय पर तो कर लेंगे लेकिन समिति कर्मियों की हड़ताल से किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। वही अधिकांश किसान हार्वेस्टर का इंतजार कर रहे है। लेकिन जमीन गिला होने की वजह से हार्वेस्टर नहीं चल रहे है। अधिकांश किसान खेतों में ही थ्रेसर मशीन से धान की मिंजाई कराते है लेकिन समस्या जमीन पर गिला होना है। जमीन गिला होने की वजह से खेती किसानी के काम में देरी हो रही है। 

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