कोपरा की महिलाएं उठीं हक की लड़ाई के लिए, कलेक्टर ने दिए सर्वे के आदेश

गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। नगर पंचायत कोपरा की सैकड़ों महिलाएं मंगलवार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए समाजसेवी और पत्रकार गोरेलाल सिन्हा के नेतृत्व में संयुक्त जिला कार्यालय पहुंचीं। वर्षों से पट्टा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिलने से परेशान महिलाओं ने जिलाधीश दीपक कुमार अग्रवाल से मुलाकात की और अपनी पीड़ा साझा की।

महिलाओं ने बताया कि वे पैरी नगर क्षेत्र में 40-50 वर्षों से निवासरत हैं, लेकिन उनके पास अब तक आवासीय पट्टे नहीं हैं। इस कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाया है। महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी इस संबंध में कई बार आवेदन दिए, लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया।

महिलाओं का नेतृत्व कर रहे पत्रकार एवं समाजसेवी गोरेलाल सिन्हा ने उनकी आवाज को मजबूती से जिलाधीश के सामने रखा। उन्होंने कहा, “कोपरा के नागरिक वर्षों से प्रशासन की उपेक्षा झेल रहे हैं। बिना पट्टे के इन परिवारों का जीवन बेहद कठिन है। शासन की योजनाएं तभी सार्थक होंगी, जब इन जरूरतमंदों तक उनका लाभ पहुंचे।”

कलेक्टर का गंभीर रुख, दिए सर्वे के निर्देश

जिलाधीश दीपक कुमार अग्रवाल ने महिलाओं और गोरेलाल सिन्हा द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से सुना। उन्होंने तत्काल नगर पंचायत कोपरा में सर्वे कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने अपर कलेक्टर, एसडीएम राजिम और सीएमओ नगर पंचायत कोपरा को जिम्मेदारी सौंपी। कलेक्टर ने अधिकारियों को हिदायत दी कि आवासीय पट्टों और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा किया जाए।

महिलाओं की एकजुटता बनी प्रेरणा

कोपरा की सैकड़ों महिलाओं का अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर खड़ा होना एक मिसाल है। उनकी इस लड़ाई को पत्रकार एवं समाजसेवी गोरेलाल सिन्हा का समर्थन मिलने से आवाज और बुलंद हुई। महिलाओं ने कहा, “हम अपने बच्चों को झोपड़ियों में बड़ा होते नहीं देख सकते। हमें जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं चाहिए, और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।”

आशा की किरण

कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों से महिलाओं और नगरवासियों में उम्मीद जगी है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि सर्वे कार्य कब तक पूरा होगा और उन्हें पट्टे और आवास योजना का लाभ कब मिलेगा।

कोपरा की यह लड़ाई अन्य पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर उभरी है।

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