धान खरीदी समाप्ती पर एआईकेकेएमाएस नें किसानों की भारी नुकसान होने की आशंका से चिंता जाहिर की…

धान खरीदी समाप्ती पर एआईकेकेएमाएस नें किसानों की भारी नुकसान होने की आशंका से चिंता जाहिर की…

 

पखांजुर (गंगा प्रकाश)। 31 जनवरी धान खरीदी समय सिमा में सरकार बृद्धि नहीं करने को लेकर ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने सरकार को किसान विरोधी बताया और धान बिक्री हेतु पंजीकृत किसानों की भारी नुकसान होने की आशंका को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की।किसानों की  पूरी-पूरी मात्रा में धान  बिक्री करने तक खरीदी केंद्र खुली रखने की  समय सीमा में बृद्धि के मांग पर मुख्यमंत्री ,उप मुख्यमंत्री,कृषि मंत्री ,मुख्य सचिव,कृषि उत्पादन आयुक्त, संचालक आदि के नाम पर  पर अनुविभागीय अधिकारी रा.पखांजुर कार्यालय में अधिकारी की अनुपस्थिति में लेखापाल के एवं तहसीलदार पखांजुर के हाथों ज्ञापन सौपा। ब्लॉक अध्यक्ष अजीत मिस्त्री, उपाध्यक्ष सुधिर मण्डल, सह सचिव जयंत सरकार,कोषाध्यक्ष महेश मण्डल आदि ने कहां है कि  पंजिकृत किसानों की धान खरीद करने का निर्धारित समय सीमा का 31 जनवरी यह लक्ष्य तय की गई है।परंतु खरिदी केन्द्रों में बारदाने की कमी,विभिन्न अनियमिताए एवं खरिदी केद्रों तमाम अव्यवस्था,प्राकृतिक आपदा, ऑपरेटरों की हड़ताल आदि कारणों से खरीदी केन्द्रों में किसानों कि फसले बिक्री करने में बहुत अधिक बाधाएं उत्पन्न होने के कारणों से किसानों ने सही समय पर धान बिक्री नहीं कर पाये है ।सरकार सही और तय समय धान परिवाहन उठाव नहीं करने से धान खरीदी प्रभावित हुआ।यह सब सरकार की जिम्मेदारी है।ऐसे में सरकार का नैतिक दायित्व है कि पंजीकृत समस्त किसानों की धान खरीदे ।इसकी गारंटी नहीं करके खरीदी केंद्र बंद कर देना किसान विरोधी सरकार की नीति और कार्पोरेट घराने की हितैषी का प्रमाण दे रहे है ।संगठन मांग करते है कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी समय सिमा में बृद्धि की जाए और पंजीकृत समस्त किसानों कि धान  समर्थन मूल्य में खरीदी केंद्र में पूरी-पूरी मात्रा  बिक्री करने तक खरीदी केंद्र खुली रखा जाए।शासन-प्रशासन की नियम विरुद्ध खरिदी केन्द्रों में किसानों से सुखत मात्र में कटौती, माप तौल में नगद में वसूली बंद किया जाए।उन पर सख्त कार्यवाही की जाए।उक्त गंभीर समस्या  का समाधान  हेतु किसानों के हित में निर्णायक कदम उठाए जाए।यूरिया खाद की बहुत अधिक कमि है जिससे  खेतों की लहलहाती फसले बर्बादी के कागर पर है ।और असामाजिक तत्व द्वारा खाद की कीमतें बहुत ही अधिक में किसानों को खरीदने को मजबूर कर रहे है और अनावश्यक सामाग्री खरिने पर ही यूरिया गुप्त रुप से बिक्री कर रहे है। युद्धस्तर पर यूरिया खाद  उपलब्ध कराये एवं सरकारी संस्थाओं के माध्यम से उचित मूल्य पर बिक्री करें। चुनावी वादा एवं सरकार की घोषणानुसार  समर्थन मूल्यों में धान प्रति क्यूंटल 3100 रुपये में एकमुश्त खरीदने एवं भुगतान करने की वादा किया गया था। परंतु लेट लतीफ प्रति क्यूंटल मात्र 2300/- रुपये भुगतान किया जा रहा है। प्रति क्यूंटल किसानों का धान बिक्री की राशि सही समयानुसार अंतर राशि के साथ भुगतान करे एवं किसानों का अंतर राशि जो बकाया है उसे तत्काल जमा किया जाए।आदि मांगे पूरी करने की अपील की है।

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