नगरीय निकाय के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का गांव-गांव में हो रहा शोर, प्रत्याशी सुबह एवं शाम में कर रहे प्रचार

नगरीय निकाय के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का गांव-गांव में हो रहा शोर, प्रत्याशी सुबह एवं शाम में कर रहे प्रचार

 

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)।इस समय पूरा ग्राम्यांचल चुनावी शोरगुल में व्यस्त है। वहीं ग्रामीण प्रातः 9ः00 बजे से दोपहर 3ः00 बजे तक रबी फसल लेने के कारण खेतों में।अधिकांश उम्मीदवार देर रात तक चुनाव प्रचार करते दिख रहे हैं। नगर निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद अब सबकी नजर पंचायत चुनाव पर टिक गई है। प्रत्याशी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। कहीं जनसभाओं का दौर जारी है तो कहीं रैलियां और डीजे के साथ शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। जिला पंचायत, जनपद पंचायत,ग्राम पंचायत और हर वार्ड में मुकाबला रोचक होता जा रहा है। मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने के लिए उम्मीदवार विभिन्न रणनीतियों का सहारा ले रहे हैं। कोई सामाजिक कार्यों को गिनाकर वोट मांग रहा है तो कोई वादों और विकास योजनाओं का हवाला दे रहा है। क्षेत्र के एक जिला पंचायत प्रत्याशी की नन्ही बच्ची अपने पिताजी के समर्थन में वोट मांगते हुए वीडियो बनाकर लोगों से अपील कर रही है। बड़ी संख्या में महिलाएं मैदान पररू इस पंचायत चुनाव में महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है यह साबित कर रही है। विभिन्न महिला प्रत्याशी बड़ी संख्या में प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी हैं। जो अपनी महिला मंडली लेकर क्षेत्र का दौरा कर रही है। जिला पंचायत और जनपद पंचायत चुनाव में इस बार मुकाबला सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं रह गया है। निर्दलीय प्रत्याशी भी मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं और कई सीटों पर मुख्य दलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जहां निर्दलीय प्रत्याशी जीत हार का फैसला करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी माहौल गमर्रू गांवों में चुनावी माहौल चरम पर है। प्रत्याशी सुबह से देर रात तक घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। युवा वर्ग भी चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि इस बार पंचायत चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। जनता अब समझदारी से उम्मीदवारों का चयन कर रही है और विकास को प्राथमिकता दे रही है। इस बार सिर्फ पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी की योग्यता और उनकी छवि को देखकर वोट देंगे। चुनावी गतिविधियों के बीच प्रशासन भी सतर्क है। आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे अपना समर्थन देते हैं और इस चुनावी महासंग्राम में कौन जीत का ताज पहना है।

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