राजकीय गमछे और प्रतीक चिन्ह से हो रहा कलाकारों का सम्मान


गरियाबंद/राजिम (गंगा प्रकाश)। राजिम कुंभ कल्प 2025 में सांस्कृतिक मंच पर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला से प्रतिदिन छत्तीसगढ़ की सौंधी माटी की महक दूर देशों तक पहुंचा रहे हैं। हर कलाकार को अपनी कला से बेहद प्यार होता हैं। जब किसी के हुनर या प्रतिभा को सम्मानित किया जाता हैं, उसकी कला और भी निखर कर सामने आती हैं। राजिम कुंभ में कार्यक्रमों की प्रस्तुति के बाद राजकीय गमछा और मोमेंटो से कलाकारों को सम्मानित किया जा रहा है। जिसे पाकर कलाकार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं। छत्तीसगढ़ के लोक कलामंच के प्रसिद्ध कलाकार देवेंद्र कुमार देशमुख की टीम को कार्यकम देने के बाद जैसे ही राजकीय गमछा से सम्मानित किया गया वे खुशी से झूम उठें। कलाकारों ने आपसी चर्चा में कहा कि हमें गर्व हैं अपने छत्तीसगढ़ की लोककला संस्कृति और परंपरा पर। जिस माटी में हम जन्म लिए पले बढ़े उसी की पावन भूमि में राजकीय गमछा और मोमेंटो से सम्मान प्राप्त करना बेहद सुखद और यादगार लम्हा हैं। राजकीय गमछा में बस्तर आर्ट सहित प्रदेश का राजकीय पशु वनभैंसा और पक्षी मैना की आकृति छपी हुई हैं। बस्तर आर्ट में आदिवासी संस्कृति का प्रतीक हैं। बस्तर की कलाकृतियों में आदिवासी समुदाय की ग्रामीण जीवनशैली और संस्कृति की झलक मिलती हैं। राजकीय पशु वन भैंसा जो अपनी शक्ति, साहस और दृढ़ता के लिए जाना जाता है। मैना पक्षी स्मृति, बुद्धि, नकल और संचार का प्रतीक हैं जो कलाकारों को कड़ी मेहनत, त्याग समर्पण,और नियमित अभ्यास की सीख देती हैं। कलाकारों ने शासन की इस परम्परा का स्वागत करते हुए भूरी-भूरी प्रशंसा की।