छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिका मोना सेन की प्रस्तुति ने दर्शकों को झूमने पर किया मजबूर


गरियाबंद/राजिम (गंगा प्रकाश)। राजिम कुंभ कल्प के सांस्कृतिक मंच पर 11वें दिन छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिका मोना सेन ने एक से बढ़कर एक छत्तीसगढ़ी सुपर हिट गीतों से दर्शकों का दिल जीत लिया। जप हर- हर हर भोला से कार्यकम की शानदार शुरुवात करते हुए लगातार सुपर हिट गीत जैसे मया होगे न तोर संग मया होगे न…, काली काली महाकाली…, हमर पारा तुम्हर पारा…, मै देखेव तोला तै देखे मोला…, जैसे गीतों की मनमोहक प्रस्तुति ने ने दर्शकों को थिरकने के लिए विवश किया। इसी मंच पर छोटे लाल साहू, पद्मा पटेल, सावित्री कहार, राजा साहू की टीम ने लोककला मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ संस्कृति से दर्शकों को परिचित कराया। इनके द्वारा छत्तीसगढ़ के लोकगीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया गया।
ज्ञात हो कि मोना सेन बेटियों के कम उम्र में विवाह रोकने के लिए एक अभियान उन्होंने चलाया। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में इस अभियान को पहुंचाया गया और कुछ ही दिनों में 60 हजार लोग इसमें जुड़ गए। संकल्प पत्र को भरते हुए कसम ली कि वह अपनी बच्चियों को शिक्षा देंगे और उनके स्किल्स पर ध्यान देंगे। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे एक विश्व रिकॉर्ड बताते हुए एक्ट्रेस मोना सेन को सम्मानित भी किया है।
पंडवानी, पंथी, लोक कला मंच की कार्यक्रमों की रही धूम
राजिम कुंभ कल्प के सांस्कृतिक मंच पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति दूर-दूर तक बिखर रही है। प्रदेश के कई क्षेत्रों से पहुंचे कलाकार अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। मंच पर रुक्मिणी दिवान की टीम ने जसगीत के माध्यम से माता के सेवा गीतो की सुंदर प्रस्तुति दी। उन्होंने माता रानी के भुवन मा…, तोला दुर्गा कहव की मां काली…, जैसे गीतों की प्रस्तुति से भक्तिमय माहौल बना दिया। बिसोनी बाई साहू और पूर्णिमा सिंह ने पंडवानी गायकी में महाभारत के कई प्रसंगों को गाकर दर्शकों को मंच से जोड़ने का प्रयास किया।
वेद प्रकाश माहेश्वरी की टीम ने सफेद धोती और कुर्ते में एक साथ ताल मिलाते हुए ऐसे नृत्य किए प्रस्तुत किए जिसे देख दर्शकों ने दांतो तले ऊँगली दबा ली। युगल किशोर तिवारी के भजनों ने दर्शकों को भक्ति रस में डूबने पर मजबूर किया। मानस मंडली द्वारा रामचरित मानस में वर्णित राम के आदर्श और वचनों का सम्मान रखने की व्याख्या मानस मंडली द्वारा बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। संगीता कापसे ने कत्थक नृत्य (मलेशिया रिटर्न) के माध्यम से श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया। जिसमें अपने बाल मित्रों के साथ दही लूटने का अभिनय बहुत ही सुंदर भाव से प्रस्तुत किया। रूप दास मानिकपुरी की टीम ने नाचा विधा की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी।