शिशु मृत्यु दर को कम करने दिया गया प्रशिक्षण

शिशु मृत्यु दर को कम करने दिया गया प्रशिक्षण

 

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है। भारत में विभिन्न कारणों से प्रति वर्ष लाखों बच्चे काल के गाल में समा जाते है। शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सुविधा आधारित नवजात शिशु देखभाल इकाईयों को मजबूत करने, घर आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम की निगरानी और बाल स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार हेतु लगातार विभिन्न प्रयास किये जा रहे है।

कलेक्टर  दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गार्गी यदु पाल एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ युनिसेफ डॉ गजेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत गत दिवस जिले के चिकित्सा अधिकारियों, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, स्टॉफ नर्स, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों हेतु एक दिवसीय सीडीआर (चाइल्ड डेथ रिव्यू) प्रशिक्षण का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। जिसमें राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ अक्षय तिवारी, डॉ गीतू हरि, डॉ सुनील कुमार रेड्डी, डॉ अंकुश वर्मा एवं श्रीमती अल्का द्विवेदी द्वारा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रदाय किया गया।

शिशु मृत्यु के कारणों की समीक्षा के संबंध में प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया कि 0 से 59 महीने के आयु वर्ग के बच्चों की सभी मृत्यु की समीक्षा की जानी चाहिए और रिपोर्टिंग प्रपत्र के माध्यम से रिपोर्ट की जाये। मृत्यु चाहे कहीं भी हुई हो घर में, स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में या आवागमन परिवहन के दौरान समीक्षा प्रक्रिया सभी बच्चों के लिए एक समान रहेगी। नवजात शिशुओं (0 से 28 दिन), और बच्चों (29 दिन से 59 महिने) में जांच के बिन्दु अलग-अलग होगी। शिशु मृत्यु की समीक्षा दो स्तरों पर की जाती है। समुदाय स्तरीय और सुविधा स्तरीय। शिशु मृत्यु की समीक्षा जल्द-से-जल्द करने का प्रयास करना चाहिए। जिससे मृत्यु के कारणों के अनुसार प्रभावी निराकरण हेतु प्रयास किया जा सके।

फिल्ड स्तर पर शिशु मृत्यु समीक्षा के दौरान आने वाली समस्याओं और उसके निदान के संबंध में भी डॉक्टरों से चर्चा की गई। साथ ही एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत बच्चों किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के कारणों और उनके उपचार के संबंध में प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं से आये डॉक्टरो, स्टॉफ नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ इस प्रशिक्षण में डीएचओ डॉ लक्ष्मीकांत जांगड़े, प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ योगेन्द्र रघुवंशी, एपिडेमयोलॉजिस्ट डॉ शंकर पटेल, डॉ सृष्टि यदु उपस्थित रहे।

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