भवसागर से पार उतरने का सरल, सहज मार्ग है श्रीरामचरितमानस – के.आर. सिन्हा

भवसागर से पार उतरने का सरल, सहज मार्ग है श्रीरामचरितमानस – के.आर. सिन्हा

छुरा (गंगा प्रकाश)। अयोध्या की भांति सजे पावन ग्राम करकरा में तीन दिवसीय संगीतमय श्रीरामचरित मानसगान सम्मेलन आयोजित हुआ। कोसरिया मरार (पटेल) समाज एवं समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से मंगल कलश यात्रा के साथ सम्मेलन का श्री गणेश किया गया। पतित पावन सत्संग का लाभ लेने के लिए कोसरिया मरार समाज के प्रांतीय अध्यक्ष तेजराम पटेल, सचिव नारायण पटेल, संरक्षक सुखराम पटेल, श्री राघवेंद्र मानस संघ संरक्षक सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा, संचालक नोहर पटेल, कर्मचारी प्रकोष्ठ प्रांतीय सचिव हेमलाल पटेल, शाकंभरी शक्तिपीठ संरक्षक संतोष पटेल, उपाध्यक्ष थूकेल पटेल, सह सचिव भीखम पटेल, सदस्य भोज पटेल, टेमन पटेल, आईसराम पटेल, रिखीराम पटेल, सैंड आर्ट कलाकार मोहन नेताम एवं पतंजलि योग समिति जिलाध्यक्ष योगविद् शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा पहुंचे। सभी अतिथियों का अक्षत, कुमकुम, चंदन, श्रीफल, अंगवस्त्र से सम्मान किया गया। करकरावासी अपने गुरु के.आर. सिन्हा को अपने बीच पाकर गदगद हो गए। प्रख्यात जसगीत गायक के.आर. सिन्हा ने कहा कि श्रीरामचरित मानस भवसागर से पार उतरने का सरल, सहज मार्ग है। राम नाम के उच्चारण मात्र से ही सारे तीर्थ का पुण्य प्राप्त हो जाता है। श्रीरामचरित मानस के दोहा, चौपाई, एक-एक पंक्ति मर्यादित जीवन जीने की सीख देता है। बेबाक अभिव्यक्ति के धनी प्रांतीय अध्यक्ष तेजराम पटेल ने कहा कि राम नाम सत्य का मार्ग दिखाता है। सबका सम्मान, सबको साथ लेकर चलना, एकजुटता, भाईचारा, प्रेम, सौहार्द्र, परोपकार सिखाता है। राम नाम की शक्ति अनंत, अपार है। शिक्षक हेमलाल पटेल ने कहा कि श्रीरामचरित मानस के प्रत्येक पात्र से हमें सीख लेनी चाहिए। माता सीता से त्याग, समर्पण, दृढ़ता, पतिव्रता, पत्नीधर्म की सीख लेनी चाहिए। जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहीं। सम्मेलन में जनप्रतिनिधिगण, प्रबुद्धजन एवं बड़ी संख्या में संतगण, दर्शन एवं आध्यात्मिक चेतना का लाभ लेने पहुंचे। मानस मंचों के सफल सारथी देवनारायण यदु एवं संतराम कंवर ने शानदार संचालन से सबको बांधे रखा। थाली सजाओ प्रतियोगिता में नन्हीं नन्हीं बालिकाओं ने चावल, धान, कुमकुम, रंग बिरंगे फूल आदि से श्रीराम, लक्ष्मण, सीता के वल्कल धारित प्रतिरूप, स्वास्तिक, ॐ आदि का सुंदर रूप उकेरे हुए थे जिसमें भाग्य श्री प्रथम, हसीना द्वितीय, कल्पना तृतीय स्थान प्राप्त किए। छत्तीसगढ़ के नामचीन मानस परिवार ज्ञान गंगा मानस परिवार करकरा, सुमिरन मानस परिवार अमेठी, भूमिजा मानस परिवार गुढ़ियारी रायपुर, लोकरंग पंडवानी बोरिद, जय मां शारदा मानस परिवार सरईपाली कोमाखान, रामरंग मानस परिवार खल्लारी बागबाहरा, श्री रुद्राक्ष मानस परिवार करंजा भिलाई,  जय गुरुदेव हरिकीर्तन फिंगेश्वरी, मोर मयारू मानस परिवार गुदगुदा धमतरी, जय परमेश्वरी बालिका मानस परिवार कोटेरा बालोद, शुभांजलि मानस परिवार जीवतरा, श्री परमेश्वरी मानस परिवार सेंहरतरा, साईं कृपा मानस परिवार जीवतरा, हंसवाहिनी बालिका मानस परिवार भिलाई ने राम नाम की अविरल धारा प्रवाहित किया। सत्संग के आयोजन में केजू राम पटेल राजिम राज सदस्य, राजेश कुमार पटेल शाकंभरी मरार मंदिर सदस्य घाटखाल्हे, तिलक राम पटेल ग्रामीण अध्यक्ष, पीतांबर पटेल ग्राम सचिव, उमाशंकर पटेल कोषाध्यक्ष, हेमकुमार पटेल ग्राम पंच, प्रेमलाल पटेल ग्राम पंच, हेमराज पटेल ग्राम पंच, परमेश्वर पटेल ग्राम पंच, भूपेंद्र पटेल ग्राम पंच, भागीरथी पटेल ग्राम पंच, शेखचंद पटेल लेखापाल, टिलेश पटेल संरक्षक, मेघनाथ पटेल संरक्षक,  इंदल, नरसिंह, हेमसिंग एवं समस्त ग्रामवासियों ने भागीरथ प्रयास किया। कौशिल्या भंडार में सभी ग्रामवासियों द्वारा भोजन प्रसादी का बहुत सुंदर व्यवस्था किया गया था। सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन भंडारा में प्रसादी ग्रहण किए।

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