जशपुर में जबरन धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला ! होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज की हिंदू छात्रा ने प्रिंसिपल पर लगाए गंभीर आरोप, हिंदू संगठनों में उबाल!”…

जशपुर में जबरन धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला ! होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज की हिंदू छात्रा ने प्रिंसिपल पर लगाए गंभीर आरोप, हिंदू संगठनों में उबाल!”…

 

जशपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के शांत और सुरम्य इलाके जशपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। जिले के प्रतिष्ठित होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक हिंदू छात्रा ने कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर विंसी जोसफ पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और नन बनने का दबाव डालने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। छात्रा ने कहा कि जब उसने इस दुष्प्रयास का विरोध किया, तो उसे हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया और परीक्षा से वंचित करने की कोशिश की गई।

छात्रा का दावा है कि वह कॉलेज में फर्स्ट ईयर में एडमिशन लेने के महज तीन महीने बाद से ही टारगेट की जा रही थी। फाइनल ईयर तक आते-आते यह उत्पीड़न अपने चरम पर पहुंच गया। 1 अप्रैल को उसे सीधे हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

“धर्म नहीं बदला तो हॉस्टल से निकाल दिया गया” :

 छात्रा ने बताया कि उसके मना करने के बाद उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, कॉलेज कैंपस में आने से रोका गया और वार्षिक परीक्षा से वंचित करने की साजिश रची गई। किसी तरह परीक्षा में बैठने की अनुमति तो मिली, लेकिन प्रैक्टिकल से जानबूझकर बाहर रखने की कोशिश की गई। यह सब कॉलेज प्रशासन के उच्च पदस्थ अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा था।

कलेक्टर-एसपी से शिकायत, न्याय की गुहार :

छात्रा ने कलेक्टर और एसपी को शिकायती ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उसका साफ कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो न जाने कितनी और लड़कियों को इसी रास्ते धकेलने की साजिश रची जा सकती है।

हिंदू संगठनों में उबाल, कार्रवाई की मांग :

 इस घटनाक्रम के बाद जिले भर में हिंदू संगठनों का आक्रोश फूट पड़ा है। विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रमुख करनैल सिंह ने इसे गरीब हिंदू बेटियों के खिलाफ गहरी साजिश करार देते हुए संस्था को तुरंत बंद करने और जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की है।

प्रिंसिपल ने आरोपों को बताया निराधार :

दूसरी ओर, आरोपी प्रिंसिपल सिस्टर विंसी जोसफ ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे “छवि धूमिल करने की कोशिश” बताया है। लेकिन छात्रा की आपबीती और संगठनों का तीखा रुख इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि मामला जल्द ही तूल पकड़ सकता है।

क्या कॉलेज बनेगा साजिश का अड्डा या न्याय का प्रतीक? :

 अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर कितनी तत्परता से कदम उठाता है। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा?

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