Cgnews:”सुरभि का सूरज चढ़ा, शिशु मंदिर की बुलंदियों का नया सवेरा!”
सरस्वती शिशु मंदिर, घरघोड़ा का हाईस्कूल परीक्षा परिणाम ऐतिहासिक, टॉप-10 में छात्राओं का दबदबा

घरघोड़ा/रायगढ़(गंगा प्रकाश)। जब मेहनत रंग लाती है तो केवल अंक नहीं, बल्कि इतिहास रचता है! यही कर दिखाया है सरस्वती शिशु मंदिर, घरघोड़ा के उन होनहार विद्यार्थियों ने, जिन्होंने कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में पूरे जिले में शौर्य और समर्पण की नई मिसाल पेश की है।
29 भैया-बहनों की इस ज्ञानयात्रा ने जब मंज़िल की ओर कदम बढ़ाया, तो परीक्षा परिणाम के रूप में वो लौटी — गर्व, गौरव और गूंज लेकर।
सुरभि सिंह उइके बनीं विद्यालय की शान, 95.33% के साथ प्रथम स्थान
विद्यालय की होनहार छात्रा सुरभि सिंह उइके ने 95.33% अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया। सुरभि का यह प्रदर्शन न केवल विद्यालय के लिए बल्कि पूरे घरघोड़ा अंचल के लिए गर्व की बात है। उनकी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास ने यह सिद्ध किया कि बेटियाँ अगर ठान लें तो आसमान भी छोटा पड़ सकता है।
सुमित यादव का करिश्मा — 94.66% के साथ द्वितीय स्थान
भैया सुमित यादव ने 94.66% अंक प्राप्त कर यह सिद्ध किया कि अनुशासन और लगन से हर लक्ष्य संभव है। सुमित का नाम आज स्कूल में नहीं, पूरे क्षेत्र में गर्व से लिया जा रहा है।
लक्ष्मी, चंचल, सकीना और दिशा जैसी बेटियाँ बनीं सफलता की मिसाल
लक्ष्मी रविरंजन ने 90% अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान प्राप्त किया।चंचल पैंकरा (87.83%) और सकीना परवीन (87.33%) ने चौथा और पाँचवाँ स्थान हासिल कर यह दिखाया कि कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत की लौ नहीं बुझती।दिशा साहू (82.83%) ने सातवाँ स्थान प्राप्त कर पूरे विद्यालय को गौरवांवित किया।
भैया आयुष, खेमराज और बहनों चीना-तनीशा ने भी टॉप-10 में बनाई जगह
- आयुष केशरी (86%) – षष्ठ स्थान
- खेमराज चौधरी (79.33%) – अष्टम स्थान
- चीना बेहरा (77.16%) – नवम स्थान
- तनीशा भगत (71%) – दशम स्थान
इन विद्यार्थियों ने यह सिद्ध किया कि सच्ची मेहनत के आगे कोई भी रुकावट बड़ी नहीं होती।
विद्यालय परिवार ने दी शुभकामनाएं, पूरे घरघोड़ा में खुशी की लहर
इस शानदार सफलता पर विद्यालय अध्यक्ष जनेश्वर मिश्रा, व्यवस्थापक सुनील ठाकुर, प्राचार्य देव नारायण पटेल, समस्त समिति सदस्यगण, आचार्य एवं दीदीजनों ने विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
प्राचार्य देव नारायण पटेल ने कहा,
“हमारे विद्यार्थियों ने जो परिणाम दिए हैं, वह केवल नंबर नहीं, यह मेहनत, संस्कृति और सेवा के मूल्यों का प्रमाण है जो सरस्वती शिशु मंदिर में प्रतिदिन विद्यार्थियों को सिखाए जाते हैं।”
“जहाँ संस्कार हों मजबूत, वहाँ सफलता सिर्फ एक पड़ाव होती है!”
सरस्वती शिशु मंदिर, घरघोड़ा ने एक बार फिर सिद्ध किया कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यक्तित्व, मूल्य और समर्पण का संगम होती है।
यह परिणाम सिर्फ एक परीक्षा का नहीं, एक सोच का विजयी घोष है।
घरघोड़ा के हर गली-मोहल्ले में आज सरस्वती शिशु मंदिर का नाम गूंज रहा है — और यह केवल शुरुआत है!