Cgnews:नहाने गया था मस्ती करने, लौटकर आई लाश — सलखिया के झरन डेम में दर्दनाक हादसा, तैरती मिली युवक की लाश, गांव में मातम का माहौल

Cgnews:नहाने गया था मस्ती करने, लौटकर आई लाश — सलखिया के झरन डेम में दर्दनाक हादसा, तैरती मिली युवक की लाश, गांव में मातम का माहौल

 

लैलूंगा/रायगढ़(गंगा प्रकाश)। गर्मी की दोपहर में दोस्तों के साथ नहाने गया एक युवक कभी वापस नहीं लौटा। अगली सुबह उसकी लाश पानी में तैरती मिली। यह दिल दहला देने वाला दृश्य था सलखिया गांव के झरन डेम का, जहां मंगलवार को 32 वर्षीय राजेश मांझी की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा केवल एक परिवार पर नहीं, पूरे गांव पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है।

मस्ती के पल बने मौत की वजह

13 मई की दोपहर को सलखिया निवासी राजेश मांझी पिता अमर साय मांझी अपने कुछ दोस्तों के साथ गांव के समीप झरन डेम में नहाने गया था। सब कुछ सामान्य चल रहा था, अचानक राजेश गहरे पानी में उतर गया और फिर कभी ऊपर नहीं आया। दोस्तों ने शोर मचाया, आसपास खोजबीन की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

अंधेरे में टूटी उम्मीदें, सुबह मिला दर्दनाक सच

घटना की जानकारी मिलते ही राजेश के परिजन डेम पहुंचे और शाम तक उसे खोजते रहे, लेकिन अंधेरा गहराने के चलते उन्हें घर लौटना पड़ा। एक रात की बेचैनी और उम्मीदों के साथ परिजन अगली सुबह फिर डेम पहुंचे और वहां का दृश्य देख हर किसी की रूह कांप उठी। राजेश की लाश पानी में तैर रही थी। चीख-पुकार और रोदन से डेम का शांत वातावरण मातम में बदल गया।

पुलिस मौके पर पहुंची, जांच जारी

घटना की सूचना मिलते ही लैलूंगा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव को बाहर निकालकर पंचनामा की कार्रवाई की गई और मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। पुलिस प्रारंभिक जांच में इसे डूबने से दम घुटने की वजह से मौत मान रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

गांव में पसरा मातम, हर आंख नम

राजेश मांझी की आकस्मिक और दर्दनाक मौत से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि राजेश मिलनसार और मेहनती युवक था। उसके यूं अचानक चले जाने से पूरा गांव स्तब्ध है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है, खासकर मां और पत्नी की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।

एक सवाल छोड़ गया राजेश — क्या खुले डेम में सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने चाहिए?

इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और समाज दोनों के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या खुले डेमों पर कोई निगरानी नहीं होनी चाहिए? क्या ऐसे स्थानों पर चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा उपाय जरूरी नहीं हैं? क्या यह लापरवाही अगली किसी जान की कीमत नहीं बन जाएगी?

अब देखना यह है कि प्रशासन इस हादसे से कोई सबक लेता है या एक और लाश के साथ फाइलें बंद हो जाएंगी।

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