“देशभक्ति की सुनामी में भीगा छत्तीसगढ़: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और तिरंगा यात्रा ने रचा इतिहास, हर गांव गूंजा भारत माता की जय”

“देशभक्ति की सुनामी में भीगा छत्तीसगढ़: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और तिरंगा यात्रा ने रचा इतिहास, हर गांव गूंजा भारत माता की जय”

रायपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ की धरती ने आज जो नज़ारा देखा, वह इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। राजधानी रायपुर से लेकर बस्तर के चिंगावरम, अंबिकापुर की गलियों से लेकर कवर्धा के खेत-खलिहानों तक, हर कोना, हर गली, हर गांव तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया। ऐसा लगा जैसे पूरा प्रदेश एक स्वर में बोल उठा हो—“जय हिंद! वंदे मातरम्! भारत माता की जय!”

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक’ अभियान और सेना के पराक्रम को समर्पित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज आज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। हर जिले में निकाली गई तिरंगा यात्राओं ने सिर्फ एकता का संदेश नहीं दिया, बल्कि यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की रगों में देशभक्ति दौड़ रही है।

मुख्यमंत्री ने किया नेतृत्व, जनसैलाब में बदला चराईडांड़

जशपुर के चराईडांड़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा में हजारों लोग उमड़ पड़े। ऐसा जनसैलाब पहले कभी नहीं देखा गया। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर वहां उपस्थित जनसमूह से कहा—

“ऑपरेशन सिंदूर हमारी एकता, साहस और संकल्प का प्रतीक है।”

हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने इस जनसमर्थन को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप देने की बात कही।

बिलासपुर में मंत्रियों ने थामा तिरंगे का परचम

उपमुख्यमंत्री अरुण साव और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने बिलासपुर में तिरंगा यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। मिनी स्टेडियम से लखीराम ऑडिटोरियम तक उमड़े हुजूम ने बता दिया कि यह महज यात्रा नहीं, बल्कि देशभक्ति की एक लहर है जो दिलों को छू रही है।

बस्तर की धरती पर आतंक नहीं, आत्मबल की पहचान

सुकमा के चिंगावरम में गृहमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा ने नया इतिहास रच दिया। सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लेकर यह संदेश दिया कि बस्तर अब भय का नहीं, बलिदान और आत्मबल का परिचायक है।

हर जिले, हर गांव में देशभक्ति की लहर

राजनांदगांव: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने तिरंगा यात्रा में भाग लिया और कहा—“ऑपरेशन सिंदूर भारत की ताकत का सजीव प्रमाण है।”

रायगढ़: सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह और राधेश्याम राठिया के नेतृत्व में जनसमूह उमड़ा, जिसमें पहलगाम हमले की पीड़ित माताओं को श्रद्धांजलि दी गई।

कोरबा: उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के नेतृत्व में हजारों की भीड़ ने जयघोष करते हुए शहर को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

महासमुंद, बालोद, कोण्डागांव, नारायणपुर, बलरामपुर, अंबिकापुर: इन जिलों में स्कूली बच्चे, महिलाएं, पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट्स, और जनप्रतिनिधि एक साथ चल पड़े देशप्रेम की इस अलख में।

तिरंगा यात्रा बनी जनक्रांति की मिसाल

गांव-गांव, नगर-नगर निकली तिरंगा यात्रा एक नई राष्ट्रीय चेतना की शुरुआत बन गई है। महिला समूहों ने मोर्चा संभाला, युवाओं ने सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया, और बच्चों ने रंगोली, पोस्टर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से इस आयोजन को जनउत्सव बना दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’: सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, भावनात्मक आंदोलन

जिस तरह से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वीरगाथा को आम नागरिकों तक पहुंचाया गया, उसने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर दिया। यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए दिलों की धड़कन बन गया है।

निष्कर्ष: छत्तीसगढ़ ने देश को दिखाया रास्ता

छत्तीसगढ़ ने आज सिद्ध कर दिया कि अगर नेतृत्व दृढ़ हो, भावना सच्ची हो और जनता जागरूक हो तो राष्ट्रप्रेम एक आंदोलन बन जाता है। यह केवल तिरंगा यात्रा नहीं थी, यह भारत की सामूहिक चेतना का जनगर्जन था। एक ऐसा दिन, जो भविष्य में पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।

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