
पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हार्ट अटैक आने पर सही समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक में सीपीआर बहुत असरदार तकनीक मानी जाती है। भारत में बहुत कम लोगों को सीपीआर देना आता है, लेकिन विदेशों में स्कूलों में सीपीआर देने की ट्रेनिंग दी जाती है। सीपीआर देने से हार्ट अटैक आने पर मरीज को कुछ देरी के लिए सांस मिल सकती है। इसके बाद तुरंत मरीज को हॉस्पिटल ले जाना होता है। जहां सही मेडिकल ट्रीटमेंट से जान बचाई जा सकती है। सीपीआर दो तरीके से दिया जाता है एक हाथ से और एक मुंह से। आइये जानते हैं सीपीआर देने का सही तरीका क्या है। हार्ट अटैक आने पर सीपीआर से कैसे मरीज की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर क्या है?
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के अनुसार सीपीआर यानि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, कार्डियक अरेस्ट आने और हार्ट अटैक आने पर मरीज की जान बचाने की लिए इस्तेमाल की गई तकनीक को कहा जाता है। जब हार्ट अचानक से ब्लड को पंप करना बंद कर देता है तो सीपीआर से हार्ट को फिर से रीस्टार्ट किया जा सकता है। सीपीआर एक तकनीक है जिसे कोई भी सीख सकता है। सीपीर में चेस्ट कंप्रेशन सबसे जरूरी होता है इससे शरीर के दूसरे अंगों में ब्लड सर्कुलेशन होता रहता है जब तक हार्ट नॉर्मल न हो जाए। वहीं सांस देने वाले सीपीआर से कार्डियक अरेस्ट आने वाले मरीज को आप ऑक्सीजन देते हैं।
कब होती है सीपीआर की जरूरत?
- अगर कोई व्यक्ति अचानक से गिर रहा हो
- पीड़ित व्यक्ति जवाब नहीं दे पा रहा हो
- पीड़िक सांस नहीं ले पा रहा हो
- उसकी नब्ज नहीं चल रही हो
- हार्ट अटैक आने पर
- कार्डियक अरेस्ट आने पर
सीपीआर कितने तरह का होता है?
को दो तरह से सीपीआर दिया जा सकता है। हैंड सीपीआर और माउथ सीपीआर, हैंड CPR में आप हाथों की हथेलियों से मरीज के सीने को दबाया जाता है। वहीं माउथ सीपीआर में मरीज को मुंह से मुंह में ऑक्सीजन दी जाती है।
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सीपीआर कैसे किया जाता है?
- हाथ से सीपीआर देने के लिए पहले अपने बाएं हाथ को आगे की ओर सीधा करें। अब उसके ऊपर अपना दायां हाथ रखें और दाएं हाथ की उंगलियों को अंदर की ओर करते हुए बंद कर लें। अब मरीज के छाती में बीच में हथेलियों के दबाते हुए तेज और धीरे दवाब डालें। आपको 100 से 120 टाइम ऐसा करना है। आपको लगातार एक रिदम के साथ ऐसा करना है।
- चेस्ट कंप्रेशन के बाद रुकें और मरीज को मुंह से सीपीआर देने की कोशिश करें। आपको बिना रुके 30 सेकेंड के लिए मरीज कुछ देर के लिए सांस देनी है। स्टडीज में सामने आया है कि अगर मरीज को कार्डियक अरेस्ट आने के 5 मिनट के अंदर सही तरीके से सीपीआर दिया जाए और हॉस्पिटल पहुंचाया जाए तो जान बच सकती है।