CG NEWS: “एक पेड़ मां के नाम” से गूंजा घूमरगुड़ा: विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ ऐतिहासिक वृक्षारोपण कार्यक्रम

पर्यावरण बचाओ, मां को नमन — वृक्ष लगाकर ग्रामवासियों ने दिखाई अद्भुत जागरूकता

देवभोग (गंगा प्रकाश)। “एक पेड़ मां के नाम”: देवभोग सुदूर वनांचल क्षेत्र में बसे आदर्श ग्राम घूमरगुड़ा ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इतिहास रच दिया। जनपद पंचायत देवभोग द्वारा आयोजित ब्लॉक स्तरीय वृक्षारोपण कार्यक्रम ने पर्यावरण संरक्षण के साथ भावनाओं की भी ऐसी मिसाल पेश की, जिसने सभी उपस्थित लोगों के मन को छू लिया।
कार्यक्रम की थीम थी — “एक पेड़ मां के नाम”, और यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि मां के प्रति सम्मान और प्रकृति के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा।
मुख्य अतिथि और आयोजन की गरिमा
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जनपद पंचायत देवभोग की अध्यक्ष श्रीमती पदमालय सुशील निधि रहीं, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक नई ऊर्जा और नेतृत्व प्रदान किया।
ग्राम पंचायत घूमरगुड़ा की सरपंच श्रीमती रजनी देवेंद्र ठाकुर ने अध्यक्षता करते हुए महिलाओं की भूमिका को सामने रखा और पर्यावरण संरक्षण को एक पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी बताया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल हुए जनपद सभापति शंकर लाल नागेश, देवेन्द्र ठाकुर, गजेंद्र सोम, नवनीत कश्यप, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुशील निधि, सरपंच संघ अध्यक्ष पवन यादव, जनपद पंचायत देवभोग के सीईओ रवी सोनवानी, नगर पंचायत देवभोग के सीएमओ श्री सोनी, तथा ग्राम पंचायत सचिव मदनलाल नायक जैसे गणमान्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
अमृत सरोवर बना पर्यावरण का साक्षी
कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बना ग्राम घूमरगुड़ा का अमृत सरोवर, जिसकी मेड पर आम, जामुन, नीम, पीपल, बेल, इमली और आंवला जैसे औषधीय और छायादार वृक्षों का बड़े पैमाने पर रोपण किया गया। पौधों को रोपते समय सभी ने “मां” के नाम पर एक पेड़ लगाने की शपथ ली, जिससे भावनात्मक जुड़ाव और जिम्मेदारी का बोध हर चेहरे पर दिखाई दे रहा था।
“मोर गांव, मोर पानी” और पर्यावरणीय चेतना
सभा को संबोधित करते हुए जनप्रतिनिधियों ने “मोर गांव, मोर पानी” अभियान के अंतर्गत गांव के जल स्त्रोतों की रक्षा, संरक्षण और पुनर्जीवन की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही यह भी कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण आज केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का व्यक्तिगत कर्तव्य बन चुका है।
जनपद सभापति गजेंद्र सोम ने कहा, “जैसे मां हमें जन्म देती है, वैसे ही प्रकृति जीवन देती है। आज का यह वृक्षारोपण केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि हमारी आत्मा से जुड़ा हुआ प्रयास है।”
महिलाओं और युवाओं की अद्वितीय भागीदारी
इस कार्यक्रम को विशेष बनाने में महिला स्व-सहायता समूहों, मितानिन दीदियों, युवा टीमों और ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों की अहम भूमिका रही। महिलाओं ने उत्साहपूर्वक अपने हाथों से पौधे रोपे और उन्हें “मां” के नाम समर्पित किया। युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वृक्षों की देखरेख का संकल्प लिया।
सिर्फ पेड़ नहीं, उम्मीदें बोई गईं
घूमरगुड़ा का यह आयोजन केवल वृक्षारोपण नहीं था, बल्कि एक विचार की बोवाई थी — “अगर हर बेटा एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाए, तो न सिर्फ धरती हरी होगी, बल्कि मां के नाम एक जीवंत स्मारक भी तैयार होगा।”
इस प्रेरणा से गांव के कई युवाओं ने निर्णय लिया कि वे हर वर्ष अपनी मां के नाम एक नया पौधा लगाएंगे और उसकी देखभाल करेंगे।
भविष्य की ओर एक हरित कदम
कार्यक्रम के अंत में ग्रामवासियों को पर्यावरण की रक्षा, जल स्रोतों के संरक्षण और लगाए गए पौधों की देखभाल की शपथ दिलाई गई। सीईओ रवी सोनवानी ने कहा, “यह कार्यक्रम एक शुरुआत है। अगर हर गांव घूमरगुड़ा की तरह जागरूक हो जाए, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु और हरा भविष्य मिल सकता है।”
घूमरगुड़ा ने दिखा दिया कि जब गांव जागते हैं, तो क्रांति होती है — और इस बार यह क्रांति हरियाली की थी, मां के सम्मान की थी, और पृथ्वी को बचाने की थी।