Brekins: नक्शा बंटवारे का ऑनलाइन सिस्टम फेल, किसानों की दुर्दशा पर गरियाबंद में फूटा कांग्रेस का गुस्सा – “सरकार काम नहीं, बहाने बना रही है”

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। नक्शा बंटवारे का ऑनलाइन सिस्टम फेल, छत्तीसगढ़ में किसानों की तकलीफें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब राजस्व विभाग की ऑनलाइन प्रणाली की विफलता ने किसानों को गहरी परेशानी में डाल दिया है। नक्शा बंटवारे और धारा अ-6 के अंतर्गत रिकॉर्ड दुरुस्ती जैसे हजारों प्रकरण ऑनलाइन सिस्टम में अटक गए हैं, जिसके कारण किसान खाद, बीज, ऋण और सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। गरियाबंद जिले में यह संकट और भी गहराया हुआ है, जहां नक्शा बंटवारे के 1000 से अधिक प्रकरण महीनों से लंबित पड़े हैं।
इस मुद्दे पर गरियाबंद ब्लॉक कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हाफिज खान और मीडिया प्रभारी टिकेश साहू ने प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि जब तक ऑनलाइन त्रुटियों को पूरी तरह दुरुस्त नहीं कर लिया जाता, तब तक ऑफलाइन व्यवस्था को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कार्यों को लंबित रख रही है ताकि किसानों और आम जनता को उलझाकर रखा जा सके।

“किसानों को दर-दर भटकने पर मजबूर कर रही है भाजपा सरकार”
मीडिया प्रभारी टिकेश साहू ने कहा कि राजस्व अभिलेख केवल कागज़ का टुकड़ा नहीं, बल्कि किसानों की पहचान और अधिकार का दस्तावेज होता है। वर्तमान में खरीफ फसल की तैयारी चल रही है और किसानों को खाद, बीज और नगदी सहायता की आवश्यकता है, जो उन्हें राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार ही मिलती है। लेकिन जब रकबा और हिस्सेदारी की स्थिति स्पष्ट ही नहीं है, तो सहकारी समितियां किसानों को सुविधा नहीं दे रही हैं।
“आज किसान तहसील से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक चक्कर काट रहा है। ना कोई सुनवाई है, ना समाधान। पटवारी आरआई के पास भेजता है, आरआई तहसीलदार के पास, तहसीलदार एसडीएम के पास और एसडीएम कलेक्टर के पास – अंत में वही फाइल वापस उसी पटवारी के पास लौट जाती है। जनता इस ‘चक्रव्यूह’ में फंस चुकी है,” टिकेश साहू ने कहा।
“तकनीक का उपयोग नहीं, दुरुपयोग कर रही है सरकार” – हाफिज खान
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हाफिज खान ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार तकनीकी सुविधा की आड़ में असल में जनता को सताने और भ्रमित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, “राजस्व विभाग में पारदर्शिता के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है। ई-कोर्ट के हजारों मामले आज भी ऑनलाइन नहीं दिखते। धारा अ-6 के अंतर्गत रिकॉर्ड दुरुस्ती के 10,000 से अधिक प्रकरण छत्तीसगढ़ में लंबित हैं। ये आंकड़े भाजपा की नाकामी की पोल खोलते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के उच्च पदों पर बैठे लोग केवल वसूली एजेंट की भूमिका निभा रहे हैं। एक ओर किसानों के अभिलेख अटके पड़े हैं, दूसरी ओर बिचौलियों और दलालों के माध्यम से घूसखोरी का खुला खेल चल रहा है। “अगर समय रहते सिस्टम नहीं सुधारा गया और ऑफलाइन विकल्प नहीं दिया गया तो कांग्रेस सड़क से विधानसभा तक आंदोलन करेगी।”
“नक्शा बंटवारा अटका, हिस्सेदारों को योजनाओं से बाहर किया जा रहा”
नक्शा बंटवारे की प्रक्रिया रुकी होने से जमीन के हिस्सेदारों को न तो उनकी अधिकारिक हिस्सेदारी मिल पा रही है और न ही उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री खेत सिंगार योजना, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। पंचायतें भी सही नक्शे और रिकॉर्ड के अभाव में भूमि स्वीकृति नहीं दे पा रही हैं।
“बेरहम व्यवस्था, बेसहारा किसान” – कांग्रेस का विरोध तेज़ करने का ऐलान
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार राजस्व विभाग की ऑनलाइन प्रणाली को ठीक नहीं करती और साथ ही जब तक सुधार नहीं हो जाता तब तक ऑफलाइन व्यवस्था बहाल नहीं करती, तो आने वाले दिनों में गरियाबंद सहित पूरे राज्य में व्यापक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
“हम किसानों की पीड़ा को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। सरकार की यह तानाशाही और विफल प्रशासन का चेहरा जनता के सामने लाया जाएगा। किसानों को उनके हक और अधिकार के लिए कांग्रेस हर मंच पर संघर्ष करेगी,” हाफिज खान ने कहा।
क्लोजिंग नोट:
एक ओर राज्य में चुनावी वादों की बाढ़ है, दूसरी ओर खेतों में पसीना बहाने वाला किसान सिस्टम की मार झेल रहा है। यह रिपोर्ट केवल गरियाबंद की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के उन लाखों किसानों की आवाज़ है, जो अब भी नक्शे और अभिलेख के इंतज़ार में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।