इससे पहले कि ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन जाए, आपको तुरंत हो जाना चाहिए सावधान

हाई ब्लड प्रेशर को लोग बहुत आम और हल्की बीमारी मानते हैं लेकिन इसे कंट्रोल नहीं करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जिन्हें अपने हाई बीपी या लो बीपी का शिकार होने का पता तक नहीं है। अधिकांश लोग इसके बारे में अनजान हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, भारत में हर चार वयस्कों में से एक को उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर है। लेकिन इसमें से सिर्फ आधे लोगों को ही इसकी जानकारी है और केवल 12% ही इसे कंट्रोल में रख पाते हैं।

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डॉक्टर्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर का मतलब 140/90 mmHg या उससे अधिक रीडिंग आना है। हाई ब्लड प्रेशर होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें आपकी फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, शराब, धूम्रपान, अनहेल्दी खाना और फिजिकल एक्टिविटी कम होना शामिल हैं।

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हाई ब्लड प्रेशर से खतरा

एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है। इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। हाई बीपी समय के साथ शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक, दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल, पेरिफेरल वस्कुर डिजीज और यहां तक ​​कि अंधेपन जैसी क्रिटिकल कंडीशन भी पैदा हो सकती हैं। अनकंट्रोल हाइपरटेंशन की वजह से दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग या ब्लीडिंग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर नियमित जांच की जाए तो भारत में 50 प्रतिशत ब्रेन स्ट्रोक के मामलों को कम किया जा सकता है।

डॉक्टर्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर का मतलब 140/90 mmHg या उससे अधिक रीडिंग आना है। हाई ब्लड प्रेशर होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें आपकी फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, शराब, धूम्रपान, अनहेल्दी खाना और फिजिकल एक्टिविटी कम होना शामिल हैं।

हाई ब्लड प्रेशर से खतरा

एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है। इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। हाई बीपी समय के साथ शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक, दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल, पेरिफेरल वस्कुर डिजीज और यहां तक ​​कि अंधेपन जैसी क्रिटिकल कंडीशन भी पैदा हो सकती हैं। अनकंट्रोल हाइपरटेंशन की वजह से दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग या ब्लीडिंग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर नियमित जांच की जाए तो भारत में 50 प्रतिशत ब्रेन स्ट्रोक के मामलों को कम किया जा सकता है।

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