अब ग्राहकों को ठगना नहीं होगा आसान

अक्टूबर से लागू हो रहे नए नियम ,कंपनियों को बताना होगा उत्पादों के प्रति नग का दाम

भागवत दीवान 

कोरबा (गंगा प्रकाश)। आने वाले दिनों में ग्राहकों को ठगना आसान नहीं होगा। दरअसल अब सभी खाद्य उत्पादों के निर्माताओं को पैकेट बंद उत्पादों में प्रति यूनिट यानी ग्राम व नग के हिसाब से कीमत प्रिंट करना होगा। पैकेट में यदि 10 नग है तो प्रति नग के साथ 10 नग की कीमत भी पैकेट में प्रिंट करनी होगी। यह व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू होने जा रही है। खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमाडिटीज) नियम 2011 में संशोधन किया है। नए नियम के तहत अब पैकेज्ड उत्पादों पर दो तरह के दाम लिखना अनिवार्य होगा।

अगर किसी पैकेज्ड आइटम में 1 किलो या 1 लीटर से कम सामान पैक किया गया है तो उस पर प्रति ग्राम या प्रति मिलीलीटर के हिसाब से रेट लिखना पड़ेगा। नए नियम के तहत पैकेट बंद वस्तु में 1 ग्राम की भी चोरी करना मुश्किल होगा। हालांकि नापतौल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे, लेकिन वर्तमान में अधिकांश होल सेल डीलरों के अलावा दुकानों में पुराने स्टॉक रखे गए हैं, जिन्हें तत्काल नहीं हटाया जा सकता है। जिसके कारण दुकान संचालकों को दो से तीन माह का समय दिया जाएगा। इसके बाद भी पैकेजिंग आइटम में यदि एमआरपी व यूनिट प्राइस नहीं होने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।

उपभोक्ताओं को अभी कई उत्पादों की जानकारी नही

उपभोक्ताओं को अभी भी चावल, आटा, बिस्किट आदि जैसे पैकेज्ड उत्पादों की प्रति यूनिट कीमत नहीं पता है। मौजूदा समय में अगर कोई ग्राहक 4.5 किलो वजन के आटे का पैकेट या 88 ग्राम वजन के बिस्किट का पैकेट खरीदता है, तो उसे सिर्फ एमआरपी के साथ प्रति ग्राम की कीमत भी मिलेगी।

ग्राम व किलों की कीमत का भी उल्लेख करना होगा

किसी पैकेट में वजन एक किलोग्राम से कम है तो प्रति ग्राम व वजन एक किलोग्राम है, तो ग्राम के साथ किलों की कीमत का भी उल्लेख करना होगा। इसी तरह यदि कोई वस्तु संख्या या इकाई के रूप में बेची जाती है, तो प्रति नग या इकाई पैकेट में कीमत के साथ लिखना होगा।

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