हाथियों के लिए बनाया गया अंडरपास साबित हो रहा सफेद हाथी

गलत स्थान चिन्हांकन के कारण नहीं मिल रहा फायदा

भागवत दीवान 

कोरबा । हाथियों का गुजरना नेशनल हाईवे से ना हो इसके लिए लाखों रुपए खर्च कर कई इंतजाम किए गए हैं ।मगर मोटी रकम खर्च कर बनाई गई तमाम कार्य योजना महज सफेद हाथी ही साबित हो रहा है । लाखों खर्च के बाद भी लगातार हाथी हाईवे जाम कर रहे हैं। यहां हाथियों के गुजरने के लिए रेल लाइन और हाइवे में 40 अंडरपास और 3 ओवरपास बनाए गए थे। गलत जगह का चयन, तकनीकी खामियों और चारागाह की कमी की चलते हाथी अब हाइवे के बीच से होकर गुजर रहे हैं। अंडरपास की चौड़ाई कम और मिट्टी के कटाव की वजह से हाथी चढ़  नहीं पाते। सड़कों से गुजरने वाले वन्य प्राणी हादसों का शिकार ना हो जाए इसे देखते हुए निर्माणाधीन और प्रस्तावित सभी नेशनल हाइवे में अंडर पास बनाए गए, लेेकिन आज तक एक बार भी हाथियों के गुजरने का रिकार्ड वन विभाग ने दर्ज नहीं किया। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अत्याधिक चढ़ाई होना है। जंगल और अंडरपास के बीच सामान्य तौर पर एप्रोच मार्ग भी बहुत संकरी है। इसलिए वन्य प्राणी विशेषकर हाथी इसका उपयोग ही नहीं करते।जिन अंडरपास का निर्माण कराया गया है उसके लिए आठ साल सर्वे कराया गया था। वन विभाग के बताने पर ही अंडरपास उन जगहों पर बनाए गए थे। इतने साल में हाथियों का अब रुट भी बदल गया है। यह भी एक बड़ी वजह है कि वन्य प्राणी अंडरपास का उपयोग नहीं कर रहे हैं।कटघोरा वनमंडल में 40 हाथी झुंड में उत्पात मचा रहे हैं, बीते तीन महीने में 18 बार हाथियों ने नेशनल हाइवे पार किया। झुंड में 40 हाथियों को एक साथ चलने के लिए कम से कम दो सौ फीट चौड़ी अंडरपास की जरुरत है, लेकिन मौके पर 30 फीट चौड़ा होने की वजह से हाथी इसमें चढ़ते ही नहीं है।

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