फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। आज 01 नवंबर से फिंगेश्वर सहकारी बैंक अन्तर्गत 10 खरीदी केन्द्रों बेलर, परसदाकला, फिंगेश्वर, बारूला, भसेरा, पोलकर्रा, बोरसी, चरौदा, जामगांव एवं गुण्डरदेही में धान खरीदी प्रारंभ होगी। बैंक ने इस वर्ष भसेरा सोसायटी अंतर्गत पोलकर्रा में नया खरीदी केन्द्र प्रारंभ किया है। बैंक सुपरवाईजर टीकाराम साहू ने बताया कि सभी 10 केन्द्रों में खरीदी की सभी तैयारिया पूरी कर ली गई। 1 नवंबर बुधवार को धान बेचने आए प्रथम कृषक का तिलक लगाकर स्वागत कर काटा बांट की पूजा अर्चना कर सभी केन्द्रों धान की खरीदी शुरू कर दी जावेगी। समर्थन मूल्य पर कामन धान 2183 रू. एवं धान ग्रेड ए 2203 प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जावेगा। धान खरीदी में सभी खरीदी केन्द्रों में टोकन से ही खरीदी अनिवार्य है। एक कृषक अधिकतम 3 बार टोकन जारी करवा सकेगा। किसी कारण किसान अपने कटाए कूपन टोकन में धान नहीं बेचता है तो वह टोकन गिनती में आ जावेगा। इसलिए कृषका का धान बिक्री हेतु रेडी हो तभी टोकन कटावें। किसान रविवार से शुक्रवार तक सुबह 9ः30 से शाम 5 बजे तक टोकन बनवा सकता है। श्री साहू ने बताया कि धान बेचने वाले किसान का बैंक खाता सत्यापित नहीं हुआ होगा तो किसानों का टोकन जारी नहीं किया जावेगा। साथ ही किसान का समिति सदस्यता क्रमांक दर्ज नहीं है तो भी टोकन जारी करने की अनुमति नहीं है। श्री टीकाराम साहू बैंक सुपरवाईजर ने कृषकों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करते हुए साफ सुथरा एवं सुखा धान से बिक्री के लिए खरीदी केन्द्रों में लेकर आवें ताकि क्रेता-विक्रेता दोनों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। कांग्रेस पार्टी द्वारा कृषकों का कर्जा माफ किए जाने पर कृषकों द्वारा 1 नवंबर से बेचे गए धान पर क्या कर्जा की राशि काटकर ही शेष भुगतान होगा पूछे जाने पर सुपरवाईजर साहू ने कहा कि बैंक में कृषकों को ऋण मुक्त करने का आदेश अब तक नहीं आया है। इसलिए तब तक किसानों को उनका ऋण काटकर ही हर साल की तरह शेष राशि का भुगतान यानी कृषक के बैंक खाते में जमा किया जावेगा। अगर चुनाव परिणाम के बाद यानी 3-4 दिसंबर के बाद कृषकों का कर्जा माफ सरकार करती है तो धान बेच चुके एवं उनके ऋण की राशि को जमा की जा चुकी है तो उसका क्या होगा। पूछे जाने पर सुपरवाईजर टीकाराम साहू ने कहा इस स्थिति में पिछले चुनाव में परिणाम घोषित होने पर सरकार द्वारा कृषकों के कर्जा माफ का आदेश आया तो तब तक भी कृषकों की राशि ऋण खाते में जमा की गई थी उसे सरकार के स्पष्ट आदेश उपरांत कृषक के खाते में पुनः जमा कर दी गई थी। यानी ऋण में से काटी गई राशि कृषकों को वापस दी गई थी। इस बार भी जैसा सरकार का आदेश होगा वैसा किया जावेगा किसान इस तरफ से निश्चित रहे।
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