उत्तर प्रदेश‘शुक्रिया मोदी भाई जान अभियान’ में जान फूंकेगी भाजपा, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुस्लिम भागीदारी की होगी कवायद – राजू कुरैशी

अम्बागढ़ चौकी (गंगा प्रकाश)।लखनऊ राम नाम जान्यो नहीं, जान्यो सदा उपाधि, कहि रहीम तिहिं आपुनो, जनम गंवायो वादि। अकबर के नवरत्नों में शुमार विख्यात कवि रहीम इस दोहे में कहते हैं कि जिसने राम का नाम धारण न कर अपने धन, पद और उपाधि को ही जाना और राम के नाम पर विवाद खडे़ किये उनका जन्म व्यर्थ है। वे केवल वाद-विवाद कर अपना जीवन नष्ट करते हैं। इसी दोहे के सार को मंत्र बनाकर भाजपा ‘शुक्रिया मोदी भाई जान अभियान’ में जान फूंकेगी।

मुस्लिम महिलाओं को लेकर 12 जनवरी से शुरू किए जा रहे इस अभियान के जरिये राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुस्लिम भागीदारी की रूप रेखा सुनिश्चित करने पर मंथन होगा। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से मुस्लिम महिलाओं के साथ शुक्रिया मोदी भाई जान अभियान 12 जनवरी से शुरू होगा।

लखनऊ से शुरू हो रहे इस अभियान को छत्तीसगढ़ मे भी सुरु करने की गुजारिश किया राजू कुरैशी नें इस अभियान का नारा है ‘ना दूरी है, ना खाई है, मोदी हमारा भाई है’। हर जिले में इस अभियान के तहत सभाएं होंगी। अभियान में केंद्र सरकार की उन योजनाओं के बारे में बताया जाएगा, जिनसे मुस्लिमों को खास लाभ हुआ है।

इसके अलावा तीन तलाक के मामले पर मुस्लिम महिलाओं को जोड़ा जाएगा और बताया जाएगा कि उसका कितना लाभ उन्हें हुआ। अभियान के जरिये बीजेपी ये जानना चाह रही है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुस्लिमों की क्या भागीदारी हो सकती है।

सबसे बड़ा मंथन इस पर होगा कि मदरसों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कैसे जोड़ा जाए। क्या कुछ मदरसों में दीप जलाने जैसा आयोजन किया जा सकता है या फिर मुस्लिम अपने आवास पर दीप जलाएं, ऐसा कुछ किया जा सके। हालांकि मोर्चा ने अक्षत वितरण में खुद को शामिल नहीं किया है पर इसी तरह का कोई कार्यक्रम करने की महिलाओं की तैयारी है।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ज़िला मोहला, मानपुर, अम्बागढ़ चौकी के जिलाध्यक्ष रियाजुद्दीन (राजू) कुरैशी ने कहा मोर्चा 12 जनवरी से शुक्रिया मोदी भाईजान अभियान का आगाज लखनऊ से कर रहे है। वही शुक्रिया मोदी भाईजान कार्यक्रम छत्तीसगढ़ से भी आगाज हो तो अल्पसंखयक मोर्चा दिल से नमन मोदी जी का वही जिसमें हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मुस्लिम हित में लिए गए बड़े फैसलों के बारे में बताएंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर यदि कोई मुस्लिम सकारात्मक पहल करता है तो इसमें बुराई क्या है। प्रत्येक संभावना पर मंथन होगा।

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