माँ ब्रम्हचारिणी दरबार में गुरु पूर्णिमा मनाया गया।

राजिम (गंगा प्रकाश)। राजिम माँ ब्रम्हचारिणी दरबार शिवाजी चौक अमापारा राजिम में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा महोत्सव  धूमधाम से मनाया गया। मंदिर समिति के ताजराम साहू ने बताया की गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरु के सानिध्यलाभ व दर्शन हेतु बड़ी संख्या में शिष्यगण दूर दूर से पहुँचे  थे।

गुरुदेव भरत लाल साहू (भगत)एवम् आचार्य देवेंद्र दुबे के पावन सानिध्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सर्वप्रथम माँ ब्रम्हचारिणी की पूजा अर्चना कर गुरु पर्व प्रारम्भ हुआ। शिष्यों ने अपने गुरु का तिलक वंदन कर गुरु पूर्णिमा मनाया।

   आचार्य देवेंद्र दुबे ने कहा गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन भगवान वेद व्यास, जिन्हें महाभारत और अन्य हिंदू ग्रंथों के रचयिता के रूप में जाना जाता है। उनके सम्मान में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा ज्ञान, शिक्षा और गुरुओं के प्रति कृतज्ञता का पर्व है। हमारा जीवन गुरु के अभाव में शून्य होता है। गुरु अपने शिष्यों से कोई स्वार्थ नहीं रखते हैं, उनका उद्देश्य सभी का कल्याण ही होता है। गुरु को उस दिन अपने कार्यो पर गर्व होता है, जिस दिन उसका शिष्य एक बड़े ओदे पर पहुंच जाता है।

इस अवसर पर मंदिर समिति के तेजेश साहू भागीराम साहू दिनेश्वर साहू ईश्वर सिन्हा  विजेंन्द्र वर्मा यशवंत साहू फगेंद्र यदु नारायण पटेल बल्लु यादव भुवन साहू गणेश पटेल तुलसी राम साहू विकास शर्मा जनक साहू बसंत ज़ाधव रूपलाल साहू शिवराज साहू डिगेश्वर साहू सोमन साहू शिवराज साहू राजा साहू योगेश साहू सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

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