मौली माता मंदिर में गुरू पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजनदेर रात्रि तक भजन मंडलियों की होती रही प्रस्तुति

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। मौली माता मंदिर परिसर में विगत कई वर्षों से गुरू पूर्णिमा महोत्सव पंडित दिनेश्वर प्रसाद शर्मा, अमन शर्मा भगवताचार्य एवं पूरे शर्मा परिवार मौलीपारा के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया पूरे दिन लोग भक्ति के रंग डूबे गुरू महाराज जी से आशीर्वाद लेते दिखे वही देर रात्रि तक ख्याति प्राप्त रामायण मंडली एवं पंडवानी की संगीतमय प्रस्तुति सुनकर थिरकते दिखे सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। गुरू पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ ब्रम्हलीन पंडित कमलेश्वर प्रसाद तिवारी के चरण पादुका की पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। व्यासपीठ से बोलते हुए महाराज जी ने कहा गुरू पूर्णिमा जिसे व्यास पूर्णिमा के साथ आषाढ़ पूर्णिमा भी कहते हैं आज के ही दिन गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था जिन्हें महाभारत एवं चार वेदों के रचयिता के रूप में जाने जाते हैं।गुरू वेदव्यास चौबीस अवतारों में एक अवतार के रूप में गिनती की जाती है। गुरू पूर्णिमा के दिन सुबह से ही शिष्य गण अपने गुरु की ध्यान आराधना पूजा पाठ कर गुरु दिक्षा लेने की परम्परा है । जिसको बहुत ही फलदाई एवं शुभ माना गया है। बदले में शिष्य अपने गुरु को कुछ न कुछ गुरू दक्षिणा के रूप में उपहार देते हैं हर मनुष्य को गुरू दीक्षा लेनी चाहिए। शास्त्रों में चार गुरू का वर्णन आता है जिसमें प्रथम गुरु माता को बताया जो हमें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करती हैं जो चलने से लेकर बोलने सिखलाती है।इस ऐतिहासिक आयोजन के अवसर पर सभी श्रद्धालु भक्त जनों के लिए विशाल भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी। मंचासीन सभी मानस मंडलियों को श्रीफल, भगवान गणेश जी की मोमेन्टो एवं राशि देकर सम्मानित किया। आयोजन को सफल बनाने में मोहल्ले वासियों का विशेष सहयोग रहा कार्यक्रम का संचालन शिक्षक थानू राम निषाद ने आभार अमन शर्मा ने किया।

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