
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। ग्राम सेंदर में संचालित अनुदान प्राप्त विद्या मंदिर में पदाधिकारियों का चुनाव अज चुनाव अधिकारी द्वारा निर्णय लेने में अक्षमता एवं उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी का उपयोग करने में असमर्थ होने के कारण विवाद में पड़ गया है। आज विद्या मंदिर सेंदर में संचालन समिति का चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ की जानी थी। प्रातः 10 बजे विद्या मंदिर में 1 चुनाव अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामेन्द्र जोशी ने फार्म भरवाने के साथ चुनाव प्रक्रिया आरंभ की। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष पदों पर पदाधिकारियों का चयन किया जाना था। निर्धारित समय 12 बजे तक तीनों पदों में 2-2 प्रत्याशियों ने आवेदन किया। 12 बजे से 1 बजे तक आपत्ति-दावा में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी खेमराज सिन्हा के लिए आपत्ति की गई कि फिंगेश्वर थाना में खेमराज सिन्हा के नाम निगरानी शुदा के नाम पर दर्ज है। वहां उपस्थित फिंगेश्वर थाना के कर्मचारियों ने भी इसकी पुष्टि की। इस पर चुनाव अधिकारी ने खेमराज सिन्हा का आवेदन निरस्त घोषित कर दिया। इससे वहां विवाद काफी बढ़ गया। चूंकि खेमराज सिन्हा वर्तमान में विद्या मंदिर का अध्यक्ष है और गत चुनाव जीत कर अध्यक्ष बना है। उस समय जब आपत्ति नहीं की गई तो इस समय उसे क्यों अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने अयोग्य कैसे किया गया। विवाद बढ़ता देख चुनाव अधिकारी रामेन्द्र जोशी सारे कागज पत्तर लेकर अपने विकासखंड शिक्षा कार्यालय फिंगेश्वर आ गए। जबकि चुनाव कार्यक्रम अनुसार चुनाव अधिकारी को आपत्ति दावा उपरांत लड़ने वाले उम्मीदवारों के मध्य चुनाव चिन्ह शाम 5 बजे तक किया जाना था। चुनाव अधिकारी चुनाव प्रक्रिया के दौरान निर्णय लेने स्वतंत्र होता है। अपने विवेकानुसार निर्णय लेना होता है। परंतु चुनाव अधिकारी विवाद की स्थिति देख उल्टे पांव और गए यह काफी विवादास्पद स्थिति रही। चुनाव अधिकारी को नियमानुसार एवं अपने विवेक से चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए थी। सही-गलत के लिए पीड़ित पद आगे की कानूनी लड़ाई के लिए स्वतंत्र होता है। चुनाव प्रक्रिया निपटने तक चुनाव अधिकारी का निर्णय अंतिम माना जाता है। परंतु इस चुनाव में चुनाव अधिकारी अपने कार्यालय आकर आगे की प्रक्रिया के लिए परामर्श करने तहसील कार्यालय फिंगेश्वर चले गए। और तहसीलदार से परामर्श करने लगे। इससे सेंदर के ग्रामीणों में गहरा रोष है। चुनाव अधिकारी को अपने विवेकानुसार चुनाव संपन्न कराना था। जिसे आपत्ति होती वह आगे की कानूनी प्रक्रिया करता। चुनाव प्रक्रिया को अधूरा छोड़ना चुनाव अधिकारी की असफलता मानी जा रही है। समाचार लिखे जाने तक चुनाव अधिकारी की आगे की कार्यवाही का खुलासा नहीं हो पाया था। ग्रामीणों ने बताया कि विद्या मंदिर के बायलाग की कंडिका नं. 7 में स्पष्ट उल्लेख है कि चुनाव में भाग लेने वाला व्यक्ति स्वच्छ चरित्र का होना चाहिए। जो कि खेमराज सिन्हा के उपर स्पष्ट लागू होता है। ग्रामीणों ने बताया कि गत वर्ष 26 जनवरी उत्सव के लिए मिठाई लाने गया था तब उसकी गाड़ी में मिठाई लेकर लौटते समय 105 बॉटल शराब की बॉटल पकड़ाई गई थी। और खेमराज सिन्हा को तत्काल पुलिस ने जेल दाखिल किया था। इससे समझा जा सकता है कि खेमराज सिन्हा का चरित्र दोषपूर्ण है।