
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। विकासखंड फिंगेश्वर अंतर्गत संकुल केंद्र कौंदकेरा के सेवानिवृत शिक्षक बलिराम साहू एवं शंकर लाल साहू को शिक्षा विभाग में लंबी सेवा उपरांत संकुल स्तरीय विदाई दी गई विदाई एवं सम्मान समारोह में बीआरसी सुभाष शर्मा, चोवाराम बंजारे पूर्व प्रधान पाठक, दुर्गा सिंह ठाकुर पूर्व संकुल प्रभारी, मुन्ना लाल देवदास पूर्व प्रधान पाठक, एम आर रात्रे संकुल प्राचार्य कौदकेरा, पूरन लाल साहू संकुल प्राचार्य बिजली, नरेश कुमार साहू संकुल समन्वयक कौदकेरा, धर्मेंद्र सिंह ठाकुर संकुल समन्वयक राजिम अतिथि की आसंदी पर विराजमान थे। दोनों सेवानिवृत्त शिक्षकों के अलावा संकुल समन्वयक के रूप में सेवा दे चुके डगेश्वर धु्रव को भी प्राथमिक शाला लचकेरा में प्रधान पाठक पद में पदोन्नति पश्चात विदाई दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम माता सरस्वती की छायाचित्र पर पूजन एवं माल्यार्पण के पश्चात श्रीमती भोजलता सेन द्वारा सरस्वती वंदना एवं श्रीमती अंतेश्वरी निराला द्वारा स्वागत गीत के साथ किया गया। सेवानिवृत शिक्षकों के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए संकुल समन्वयक नरेश कुमार साहू ने स्वागत उद्बोधन में सेवानिवृत्त शिक्षकों के शिक्षा जगत में अमूल्य योगदान दिए जाने पर आभार प्रकट किया। सेवानिवृत्त शिक्षक बलिराम साहू एवं शंकर लाल साहू ने सेवा आरंभ से सेवानिवृत्ति तक के अविस्मरणीय सफर के बारे में विस्तार से चर्चा की विकासखंड स्त्रोत समन्वयक सुभाष शर्मा ने एक शिक्षक द्वारा सेवा काल में छात्रों के हित एवं भविष्य निर्माण हेतु शिक्षक के उत्तरदायित्व को अद्भूत बताया। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक मुन्नालाल देवदास ने कौदकेरा के शिक्षा जगत के 132 वर्ष पुराने इतिहास से सदन को अवगत कराया। संकुल प्राचार्य पूरनलाल साहू ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता। छात्रों के हित में अपना शत प्रतिशत योगदान देने का आह्वान समस्त शिक्षकों से किया। संकुल समन्वयक धर्मेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि एक शासकीय सेवक का सेवा निवृत्ति तक का सफर एक अद्भुत एवं शुभ अवसर होता है जिस पर समस्त शिक्षकों को गर्व का अनुभव होता है। इस अवसर पर मुरारी लाल सोनी प्रधान पाठक, राजेन्द्र नाग प्रधान पाठक, शोभा राम साहू शिक्षक, टिकेश्वर शेंगर, रेखा राजपूत, महेश्वरी वर्मा, देविका वर्मा, रेखा साहू, कल्पना सेन, खेलन यदु शिक्षक, अन्तेश्वरी निराला प्रधान पाठक, सुनिता चतुर्वेदी, भगवंतीन मंडल, रेखा साहू, बिमलेश निषाद, भोजलता सेन, शांति साहू, लक्ष्मीन साहू, दुर्गा वर्मा, दमयन्तीन यदु, केशर विश्वकर्मा, रामाधार धु्रव, गौरी साहू, अम्बेश्वरी साहू, राजेश साहू शिक्षक, तोरन साहू, उमेन्दी धु्रव प्र.पाठक, पुष्कर धु्रव, ओमप्रकाश कोसरे, कृष्ण कुमार कंवर आदि शिक्षक सम्मिलित थे।